नयी दिल्ली, तीन जनवरी (भाषा) वंदे भारत स्लीपर ट्रेन राजस्थान में 40 किलोमीटर लंबे मार्ग पर पिछले तीन दिनों में किए गए कई परीक्षणों में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार हासिल करने में सफल रही। रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “परीक्षण इस महीने के अंत तक जारी रहेगा। इसके बाद यह ट्रेन देशभर में रेल यात्रियों को लंबी दूरी की विश्व स्तरीय यात्रा की सुविधा देने के लिए उपलब्ध करा दी जाएगी।”
मंत्रालय ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से ‘एक्स’ पर हाल ही में जारी एक वीडियो भी साझा किया।
उसने कहा, “वीडियो में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के अंदर एक समतल सतह पर मोबाइल फोन के बगल में पानी से भरा हुआ गिलास रखा दिखाया गया है। इसमें ट्रेन के 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार अख्तियार करने के बावजूद पानी का स्तर स्थिर बना हुआ नजर आता है, जो दर्शाता है कि यह हाई-स्पीड रेल यात्रा कितनी आरामदायक होगी।”
मंत्रालय ने कहा, “दो जनवरी को संपन्न तीन दिन के सफल परीक्षणों के बाद यह वीडियो जारी किया गया, जिसमें वंदे भारत स्लीपर ट्रेन भरी अवस्था में अधिकतम रफ्तार अख्तियार करते दिखाई दी।”
उसने बताया कि दो जनवरी को राजस्थान के बूंदी जिले में कोटा और लाबान के बीच 30 किलोमीटर लंबी यात्रा के दौरान ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति हासिल करने में कामयाब रही।
मंत्रालय के मुताबिक, “एक दिन पूर्व यानी साल 2025 के पहले दिन, रोहलखुर्द से कोटा तक 40 किलोमीटर लंबी परीक्षण यात्रा के दौरान भी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार अख्तियार की थी।”
उसने बताया, “उसी दिन कोटा-नागदा और रोहलखुर्द-चाउ महला खंड पर ट्रेन 170 किलोमीटर प्रति घंटे और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ी। आरडीएसओ, लखनऊ की देखरेख में ये परीक्षण जनवरी के अंत तक जारी रहेंगे।”
मंत्रालय के अनुसार, परीक्षण पूरे होने के बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त अधिकतम गति पर दौड़ने की ट्रेन की क्षमता का मूल्यांकन करेंगे। उसने कहा कि अंतिम चरण की आजमाइश पर खरा उतरने के बाद ही ट्रेन को आधिकारिक तौर पर मंजूरी दी जाएगी और इसे नियमित परिचालन के लिए भारतीय रेलवे को सौंप दिया जाएगा।
रेल मंत्रालय ने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का डिजाइन विमान जैसा रखा गया है और यह स्वचालित दरवाजों, बेहद आरामदायक बर्थ और वाईफाई जैसी सुविधाओं से लैस होगी।
उसने कहा, “इन सफल परीक्षणों के बाद रेल यात्री कश्मीर से कन्याकुमारी, दिल्ली से मुंबई, हावड़ा से चेन्नई सहित लंबी दूरी के अन्य मार्गों पर विश्व-स्तरीय यात्रा अनुभव की उम्मीद कर सकते हैं।”
भाषा पारुल मनीषा
मनीषा
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