नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने सोमवार को कहा कि हाल में भारतीय विमानन कंपनियों को फर्जी संदेश भेजे जाने की घटनाओं से उसने सबक सीखा है और ऐसी सूचनाओं के लिए मूल्यांकन प्रोटोकॉल में संशोधन के बाद स्थिति में सुधार हुआ है।
अक्टूबर और नवंबर के बीच कई घरेलू विमानन कंपनियों को अपने आधिकारिक संचार चैनल पर सैकड़ों ‘‘फर्जी’’ संदेश प्राप्त हुए, जिनमें सोशल मीडिया पर यह दावा किया गया कि विमान में बम रखा गया है या विमान में अपहरणकर्ता है, जिसके कारण विशेष रूप से यात्रियों और समग्र विमानन तंत्र को कई बार मार्ग परिवर्तन और देरी का सामना करना पड़ा।
सीआईएसएफ के उपमहानिरीक्षक (संचालन) श्रीकांत किशोर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हाल में (विमानन कंपनियों को) बहुत बड़ी संख्या में फर्जी सूचनाएं मिलीं…लेकिन हमने सबक सीख लिया है। बम खतरा आकलन समिति (बीटीएसी) की बैठक बुलाने की आवश्यकताओं के संबंध में केंद्र सरकार के नियमों में संशोधन किया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मूल संशोधन यह किया गया है कि बीटीएसी ऑनलाइन या डिजिटल मोड में बैठक कर सकती है, जिससे ऐसी बैठक बुलाने में लगने वाला समय कम हो जाएगा। इसके बाद स्थिति में काफी सुधार हुआ है…।’’
‘पीटीआई’ ने अक्टूबर में बताया था कि नागर विमानन मंत्रालय के तहत नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने सोशल मीडिया पर प्रतिदिन भेजे जा रहे संदेशों के मद्देनजर खतरों का आकलन करने और उनकी ‘‘विश्वसनीयता और गंभीरता’’ निर्धारित करने के लिए ‘‘बहुस्तरीय’’ दृष्टिकोण अपनाते हुए बीटीएसी प्रक्रियाओं में बदलाव किया है।
नये दिशा-निर्देशों के अनुसार, बम की धमकी मिलने पर बीटीएसी की बैठक इंटरनेट आधारित सुरक्षित मंच पर बुलाई जा सकती है, लेकिन यह केवल एक ‘‘अंतरिम’’ व्यवस्था है, जब तक कि समिति के सदस्य निर्दिष्ट नियंत्रण कक्ष में प्रत्यक्ष रूप से एकत्रित नहीं हो जाते।
छुट्टियों के दौरान देश के कई हवाई अड्डों पर भीड़भाड़ के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर किशोर ने कहा कि नागरिक हवाई अड्डे के संचालन में शामिल सीआईएसएफ और अन्य एजेंसियां अब बेहतर स्थिति में हैं, क्योंकि उन्होंने सुरक्षा बुनियादी ढांचे और कर्मियों की संख्या में सुधार और वृद्धि देखी है।
सीआईएसएफ देश के 68 नागरिक हवाई अड्डों को आतंकवाद-रोधी सुरक्षा प्रदान करता है और इसने अपने कुल 1.7 लाख कर्मियों में से लगभग 48,000 कर्मियों को इस कार्य के लिए तैनात किया है।
भाषा आशीष सुरेश
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