जम्मू, 18 नवंबर (भाषा) श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) ने तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक और त्वरित बनाने के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित रोपवे परियोजना को लागू करने का निर्णय किया है।
एसएमवीडीएसबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अंशुल गर्ग ने कहा, “रोपवे परियोजना एक परिवर्तनकारी परियोजना होगी, विशेषकर उन तीर्थयात्रियों के लिए, जिन्हें मंदिर तक जाने के लिए 13 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़ना चुनौतीपूर्ण लगता है।”
कटरा में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “बोर्ड ने आखिरकार रोपवे परियोजना को लागू करने का फैसला कर लिया है।” परियोजना पूरी हो जाने पर, प्रत्येक वर्ष पवित्र गुफा में आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या की आवश्यकता पूरी हो सकेगी।
गर्ग ने कहा, “पिछले साल माता वैष्णो देवी की यात्रा ने 95 लाख तीर्थयात्रियों से अधिक का नया रिकॉर्ड बनाया…”।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना पर कई वर्षों से चर्चा चल रही थी और बोर्ड ने तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करते हुए आगे बढ़ने का निर्णय किया है।
गर्ग ने कहा, “रोपवे से विशेष रूप से बुजुर्ग तीर्थयात्रियों और उन लोगों को लाभ होगा जो शारीरिक कमियों या हेलीकॉप्टर सेवाओं की सीमित क्षमता के कारण कठिन यात्रा पूरी नहीं कर सकते।”
इसके अलावा, बोर्ड ने इस बात पर जोर दिया कि परियोजना के कार्यान्वयन के दौरान स्थानीय हितधारकों की चिंताओं पर भी विचार किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि निर्णय को अंतिम रूप दिए जाने के बाद बोर्ड का लक्ष्य जल्द ही जमीनी कार्य शुरू करना है।
अधिकारियों के अनुसार, रोपवे ताराकोट मार्ग को मुख्य तीर्थ क्षेत्र भवन से जोड़ेगा। उन्होंने बताया कि पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई है, जिससे श्रद्धालुओं को त्रिकुटा पहाड़ियों के शानदार दृश्य देखने को मिलेंगे, जिससे आध्यात्मिक और सुंदर अनुभव में वृद्धि होगी।
रोपवे से प्रतिदिन कई हजार श्रद्धालुओं के आवागमन की उम्मीद है, जिससे पारंपरिक पैदल पथ पर भीड़भाड़ काफी कम हो जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि घंटों लंबी यात्रा की तुलना में यह यात्रा कुछ ही मिनटों की रह जाएगी।
भाषा प्रशांत रंजन
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