ऋषिकेश, 26 नवंबर (भाषा) उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक साकेत बड़ोला ने मंगलवार को बताया कि बाघ संरक्षण के प्रयासों को मजबूती प्रदान करने के लिए कॉर्बेट फाउंडेशन ने ‘बाघ रक्षक योजना’ को मंजूरी दी है।
बडोला ने यहां बताया कि प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कॉबेट फाउंडेशन की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गयी।
उन्होंने बताया कि यह योजना तत्काल प्रभाव से लागू होगी।
अधिकारी ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत सबसे पहले बाघ संरक्षण को लेकर स्कूल, कॉलेज, महाविद्यालयों में प्रशिक्षण देकर बाघ रक्षक स्वयंसेवी तैयार किए जाएंगे तथा शिक्षण संस्थानों में ‘बायो डाइवर्सिटी वॉल एंड नेचर’ क्लब गठित किये जाएंगे।
बडोला ने बताया कि अगले चरण में नागरिक समाज व कॉर्पोरेट जगत को बाघ रक्षक योजना से जोड़ा जायेगा, जिससे बाघ के भविष्य को संरक्षित करने में जन सहयोग बढ़ेगा।
निदेशक ने बताया कि कॉर्बेट फाउंडेशन के माध्यम से नेचर गाइड और ‘फ्रंट लाइन स्टाफ’ का दस लाख रुपए तक का जीवन बीमा कराया जायेगा।
उन्होंने बताया कि बैठक में यह भी तय किया गया कि रिजर्व के ‘वॉच टावर’ का उपयोग अब पर्यटन में किया जा सकेगा।
बडोला ने बताया कि रिजर्व में हॉग डीयर व घड़ियाल पर शोध करने पर भी फाउंडेशन ने सहमति दी है।
उन्होंने बताया कि रिजर्व में उक्त दोनों प्रजातियों की उपस्थिति में कमी महसूस की जा रही है जबकि ये रिजर्व की पारिस्थितिकी तंत्र की भी महत्वपूर्ण कड़ी मानी जाते हैं।
अधिकारी ने बताया कि फाउंडेशन ने रिजर्व के वन विश्राम गृहों के उच्चीकरण किए जाने को भी मंजूरी दी।
भाषा सं दीप्ति जितेंद्र
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