उत्तराखंड : केदारनाथ के फंसे हुए तीर्थयात्रियों को निकालने का अभियान तीसरे दिन भी जारी |

उत्तराखंड : केदारनाथ के फंसे हुए तीर्थयात्रियों को निकालने का अभियान तीसरे दिन भी जारी

उत्तराखंड : केदारनाथ के फंसे हुए तीर्थयात्रियों को निकालने का अभियान तीसरे दिन भी जारी

:   Modified Date:  August 3, 2024 / 03:48 PM IST, Published Date : August 3, 2024/3:48 pm IST

रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड), तीन अगस्त (भाषा) उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के वर्षा प्रभावित पैदल मार्ग पर फंसे श्रद्धालुओं को निकालने का अभियान तीसरे दिन शनिवार को भी जारी रहा तथा 10,500 से अधिक लोगों को वहां से निकाला गया जिनमें से कुछ के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली गयी।

अधिकारियों ने बताया कि करीब 1300 तीर्थयात्री केदारनाथ, भीमबली और गौरीकुंड में फंसे हैं लेकिन सुरक्षित हैं।

राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवान और पुलिसकर्मी बचाव अभियान में लगे हुए हैं। भारतीय वायु सेना के चिनूक और एमआई 17 हेलीकॉप्टर ने शुक्रवार को इलाके से कुछ तीर्थयात्रियों को निकाला।

रुद्रप्रयाग की पुलिस अधीक्षक (एसपी) विशाखा अशोक भदाणे ने पैदल मार्ग के पास बादल फटने के बाद बड़ी संख्या में लोगों के लापता होने की अफवाहों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘लगभग (फंसे हुए) सभी लोग घर पहुंच गए हैं।’’

उन्होंने आमजन से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। भदाणे ने कहा, ‘‘हो सकता है कि कई लोग खराब नेटवर्क एवं मौसम के कारण अपने परिवार वालों से संपर्क नहीं कर पाये हों।’’

जिला आपदा अधिकारी नंदन सिह राजवर ने कहा कि शुक्रवार को लिंचोली में थारू शिविर के पास भूस्खलन में जिस तीर्थयात्री की जान चली गयी थी, उसकी पहचान उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के शुभम कश्यप के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि शुभम के शव के पास दो मोबाइल मिले हैं जिन्हें लिंचोली पुलिस चौकी को सौंप दिया गया।

लिंचोली के समीप जंगलचट्टी में बुधवार रात बादल फटने से केदारनाथ जाने वाले पैदल मार्ग को भारी नुकसान पहुंचा।

गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर उफनती मंदाकिनी नदी के चलते सड़क का करीब 20-25 मीटर बह जाने से भीमबली से पहले तीर्थयात्री फंस गये।

घोड़ापरव, लिंचोली, बड़ी लिंचोली और भीमबली में बड़े-बड़े चट्टानों के सड़क पर आ जाने से केदारनाथ धाम का पैदल मार्ग अवरुद्ध हो गया।

केदारनाथ यात्रा फिलहाल कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दी गयी है। रुद्रप्रयाग प्रशासन ने तीर्थयात्रियों से मलबे हटाये जाने और सड़क की मरम्मत किये जाने तक इंतजार करने का आह्वान किया है।

अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने दो हेल्पलाइन नंबर और एक आपातकालीन नंबर भी जारी किया है, ताकि लोगों को तीर्थयात्रियों के बीच फंसे अपने रिश्तेदारों के बारे में जानकारी मिल सके।

भाषा राजकुमार आशीष

आशीष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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