उत्तराखंड: ऋषिकेश में सौ करोड़ रुपये की लागत से बनेगा ‘राफ्टिंग बेस स्टेशन’ |

उत्तराखंड: ऋषिकेश में सौ करोड़ रुपये की लागत से बनेगा ‘राफ्टिंग बेस स्टेशन’

उत्तराखंड: ऋषिकेश में सौ करोड़ रुपये की लागत से बनेगा ‘राफ्टिंग बेस स्टेशन’

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Modified Date: December 4, 2024 / 06:26 PM IST
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Published Date: December 4, 2024 6:26 pm IST

देहरादून, चार दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड की योग एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश में सौ करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक ‘राफ्टिंग बेस स्टेशन’ बनाया जाएगा। एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गयी।

विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्र सरकार ने पूंजीगत निवेश के लिए विशेष सहायता नामक योजना के अंतर्गत देश के 23 राज्यों के 40 विभिन्न पर्यटक स्थलों के विकास के लिए 3295 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की है।

इस सूची में ऋषिकेश भी शामिल है।

ऋषिकेश में राफ्टिंग गतिविधियों को बढ़ावा देने वाला मौजूदा बुनियादी ढांचा अपर्याप्त है, जिससे पर्यटकों और स्थानीय लोगों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

ब्रह्मपुरी, शिवपुरी, मरीन ड्राइव और कौड़ीयाला और समापन स्थलों जैसे नीम बीच, लक्ष्मण झूला व जानकी झूला में अब तक राफ्टिंग की बुकिंग के लिए एक सुव्यवस्थित प्रणाली स्थापित नहीं हो पाई है।

इसके अलावा, शौचालय और कपड़े बदलने के लिए उचित स्थान की व्यवस्था जैसी सुविधाओं के अभाव के साथ-साथ सुरक्षा प्रावधानों में कमी और ऋषिकेश-तपोवन-शिवपुरी गलियारे में यातायात से होने वाली भीड़ भी एक चुनौती है।

विज्ञप्ति के मुताबिक, राफ्टिंग बेस स्टेशन परियोजना का उद्देश्य ऋषिकेश के राफ्टिंग पर्यटन में बुनियाद ढांचे की चुनौतियों से निपटना और कमियों को दूर करने के साथ ही अधिक धन खर्च करने की क्षमता वाले पर्यटकों को आकर्षित करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मानकीकृत बुकिंग प्रणाली व उन्नत सुविधाएं विकसित करना है।

इस परियोजना के तहत शौचालय, कपड़े बदलने के लिए उचित व्यवस्था और सड़क किनारे खानपान की छोटी दुकानों जैसी आवश्यक सुविधाओं से परिपूर्ण केंद्रीकृत राफ्टिंग बेस स्टेशन का विकास किया जाएगा।

विज्ञप्ति के मुताबिक, इस परियोजना में तपोवन क्षेत्र में भीड़-भाड़ को कम करने के लिए वैकल्पिक मार्गों का निर्माण और सुरक्षा तथा दक्षता सुनिश्चित करने के लिए आईटीसी आधारित निगरानी प्रणाली को लागू करना भी शामिल है।

योजना के लिए जमीन राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी और वही इसे लागू भी करेगी जबकि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय इसकी निगरानी करेगा।

विज्ञप्ति में बताया गया कि योजना के लिए 66 फीसदी राशि राज्यों को जारी कर दी गई है।

केंद्र सरकार ने राज्यों से इस योजना के अंतर्गत विकसित हो रहे पर्यटन स्थलों के विकास के कार्यों को पूरा करने के लिए दो वर्षों की समयसीमा तय की है।

भाषा दीप्ति जितेंद्र

जितेंद्र

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)