उत्तराखंड: सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटकों को हेलीकॉप्टर सेवा के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए |

उत्तराखंड: सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटकों को हेलीकॉप्टर सेवा के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए

उत्तराखंड: सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटकों को हेलीकॉप्टर सेवा के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए

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Modified Date: January 1, 2025 / 04:31 PM IST
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Published Date: January 1, 2025 4:31 pm IST

देहरादून, एक जनवरी (भाषा) उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड ने पर्वतीय राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुधवार को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की नार्दन फ्रंटियर के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़़ी ने बताया कि इस समझौता ज्ञापन से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के अधिकार क्षेत्र में स्थित हेलीपैड के उपयोग में सुविधा होगी, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित धार्मिक स्थलों पर आने वाले पर्यटकों को हेलीकॉप्टर सुविधा की पेशकश की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि ऐसे सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुंचना कठिन है।

मुख्य सचिव की मौजूदगी में पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे और उत्तरी सीमांत के पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने कहा कि यह पहल उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में हेली सेवाओं का विस्तार करने के जारी प्रयासों का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों का उद्देश्य उन हिस्सों में पर्यटन को बढ़ावा देना है।

रतूड़ी ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि आदि कैलाश, ओम पर्वत या टिम्मरसैंण महादेव जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल ऐसे क्षेत्रों में स्थित हैं, जहां सड़क मार्ग से पहुंचना कठिन है।

रतूड़ी ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए, उत्तराखंड सरकार ने पर्यटकों को हेलीकॉप्टर सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिसके लिए आईटीबीपी के अधिकार क्षेत्र में स्थित हेलीपैड का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन हेलीपैड का उपयोग सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों को दवाइयां उपलब्ध कराने या चिकित्सा आपात स्थिति में उन्हें हवाई मार्ग से निकालने के लिए भी किया जाएगा।

आईटीबीपी तीन सीमावर्ती जिलों – उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ में अग्रिम चौकियों पर तैनात है।

मुख्य सचिव ने कहा कि केंद्र के प्रमुख ‘वाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती गांवों के निवासियों को आजीविका के साधन प्रदान करके उनके सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता दी जा रही है।

भाषा

अमित मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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