उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 'बनभूलपुरा हिंसा' के आरोपी की जमानत याचिका का निपटारा किया |

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने ‘बनभूलपुरा हिंसा’ के आरोपी की जमानत याचिका का निपटारा किया

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 'बनभूलपुरा हिंसा' के आरोपी की जमानत याचिका का निपटारा किया

:   Modified Date:  September 2, 2024 / 07:01 PM IST, Published Date : September 2, 2024/7:01 pm IST

नैनीताल, दो सितंबर (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने ‘बनभूलपुरा हिंसा’ के कथित मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक की जमानत याचिका का सोमवार को निपटारा करते हुए उससे उच्च न्यायालय की खंडपीठ का रुख करने को कहा क्योंकि यह मामला गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आता है।

इससे पहले, 30 अगस्त को मलिक की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने इस कानूनी प्रश्न पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था कि मामला एकलपीठ द्वारा सुना जाए या खंडपीठ द्वारा।

अदालत ने कहा था कि इस निर्णय का इस मुद्दे पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि जमानत दी जाएगी या नहीं।

जमानत अर्जी का निपटारा करते हुए न्यायमूर्ति मैठाणी ने याचिकाकर्ता को खंडपीठ के सामने अपील करने की अनुमति दी।

इस मामले की सुनवाई के दौरान, अभियोजन पक्ष द्वारा यह तर्क रखा गया कि इसमें यूएपीए लगाया गया है इसलिए इस मामले को खंडपीठ द्वारा सुना जाना चाहिए।

हालांकि, आरोपी की तरफ से यह कहा गया कि मामले की विवेचना नियमित पुलिस द्वारा की जा रही है इसलिए इसकी सुनवाई एकलपीठ द्वारा की जा सकती है।

मलिक हल्द्वानी के बनभूलपुरा में इस वर्ष आठ फरवरी को हुई हिंसा का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। प्रशासन द्वारा बनभूलपुरा में स्थित मलिक के बगीचा क्षेत्र में कथित तौर पर एक अवैध मदरसा और नमाज स्थल का अतिक्रमण ढहाए जाने के दौरान हिंसा भड़क उठी थी जिसमें छह लोगों की मौत हुई थी और करीब 100 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

अतिक्रमण ढहाए जाने का विरोध कर रहे लोगों ने बनभूलपुरा पुलिस थाने तथा उसके बाहर खड़े पुलिस एवं मीडियाकर्मियों के वाहनों को आग के हवाले भी कर दिया था।

घटना के बाद क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया था जो कई दिनों तक लागू रहा।

भाषा

सं, दीप्ति, रवि कांत रवि कांत रवि कांत

 

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