उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने दो नदियों में भारी मशीन से खनन पर रोक लगाई |

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने दो नदियों में भारी मशीन से खनन पर रोक लगाई

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने दो नदियों में भारी मशीन से खनन पर रोक लगाई

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Modified Date: December 6, 2024 / 04:13 PM IST
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Published Date: December 6, 2024 4:13 pm IST

देहरादून, छह दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने देहरादून जिले में सुसवा और सौंग नदियों में भारी मशीनों से खनन कार्य करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने यह निर्देश बृहस्पतिवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए।

हालांकि, उच्च न्यायालय ने कहा कि इन नदियों में मैन्युल खनन (पारंपरिक तरीके से किया जाने वाला खनन) जारी रहेगा।

अदालत ने इस पर राज्य सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को भी कहा है।

देहरादून के रहने वाले वीरेंद्र कुमार की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि दोनों नदियों में भारी मशीनों से खनन कार्य किए जाने से उनका जलस्तर नीचे चला गया है।

इसके अलावा, याचिका में यह भी कहा गया है कि इससे नदियों के आसपास के इलाकों में कृषि भूमि को नुकसान पहुंच रहा है और सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता कम हो रही है।

जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि भारी मशीनों द्वारा खनन करने से स्थानीय लोग भी बेरोजगार हो गए हैं क्योंकि उनकी आजीविका मैन्युल खनन पर आधारित थी।

राज्य सरकार की तरफ से अदालत में दलील दी गयी कि इन नदियों में भारी मशीनों से खनन की अनुमति तलहटी में भारी मात्रा में जमी गाद और बड़े पत्थरों को हटाने की दृष्टि से जनहित में दी गयी है। दलील में कहा गया कि मानसून के समय नदी में जमा हुई गाद और पत्थर नदियों के बहाव में बाधा उत्पन्न करते हैं।

भाषा

दीप्ति, रवि कांत रवि कांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)