नैनीताल, 16 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पत्नी के परिजनों से जान के खतरे का आरोप लगाने वाले एक अंतर-जातीय दंपति को सुरक्षा देने का पुलिस को निर्देश दिया है ।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने हरिद्वार जिले के भगवानपुर के थानाध्यक्ष को छह सप्ताह के लिए याचिकाकर्ताओं को सुरक्षा देने और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि उन्हें कोई नुकसान न पहुंचे ।
उच्च न्यायालय ने थानाध्यक्ष को दंपति के साथ ही पत्नी के मामा और उनके पुत्रों को बुलाने तथा उनकी ‘काउंसलिंग’ के निर्देश भी दिए ।
उच्च न्यायालय में अर्जी दायर कर दंपति ने आरोप लगाया है कि उन्होंने सितंबर 2023 में विवाह किया था तथा पत्नी के मामा और उनके पुत्र उन्हें धमकी दे रहे हैं।
पति और पत्नी दोनों बालिग हैं। दोनों ने आपसी सहमति से विवाह किया था। उन्होंने रजिस्ट्रार द्वारा जारी विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र हासिल किया है जो वैध कानूनी विवाह के लिए जरूरी है ।
भाषा सं दीप्ति
राजकुमार
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