उप्र : मकर संक्रांति पर 1.60 करोड़ लोगों ने लगाई डुबकी, अखाड़ों का अमृत स्नान जारी |

उप्र : मकर संक्रांति पर 1.60 करोड़ लोगों ने लगाई डुबकी, अखाड़ों का अमृत स्नान जारी

उप्र : मकर संक्रांति पर 1.60 करोड़ लोगों ने लगाई डुबकी, अखाड़ों का अमृत स्नान जारी

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Modified Date: January 14, 2025 / 01:31 PM IST
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Published Date: January 14, 2025 1:31 pm IST

( तस्वीर सहित )

महाकुम्भ नगर, 14 जनवरी (भाषा) महाकुंभ के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति पर मंगलवार को सुबह से अखाड़ों के साधु संतों का अमृत स्नान जारी है। इस बीच, दोपहर 12 बजे तक 1.60 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। मेला प्रशासन ने यह जानकारी दी।

अखाड़ों के अमृत स्नान में सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के साधु संतों ने ‘हर हर महादेव’ के उद्घोष के साथ संगम पर अमृत स्नान किया।

अमृत स्नान के उपरांत महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर चेतनगिरी जी महाराज ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “हर 12 साल में पूर्ण कुम्भ प्रयागराज में होता है और 12 पूर्ण कुम्भ होने पर, 144 साल बाद यह महाकुम्भ आता है। बहुत भाग्यशाली लोगों को महाकुम्भ में स्नान का अवसर मिलता है।”

उन्होंने बताया कि महानिर्वाणी अखाड़े से 68 महामंडलेश्वर और हजारों साधु संतों ने अमृत स्नान किया।

महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा के बाद तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा के साधु संतों ने अमृत स्नान किया। इसमें सबसे आगे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी चल रहे थे। उनके बाद अखाड़ा के झंडे और फिर आराध्य देवता कार्तिकेय स्वामी और सूर्य नारायण की पालकी थी। इनके पीछे नागा सन्यासियों की टोली थी। इन सभी के बीच निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि एक भव्य रथ पर सवार थे।

अमृत स्नान के बाद निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत रविंद्र पुरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “हम सात बज कर 15 मिनट पर स्नान घाट पर पहुंचे और सात बज कर 45 मिनट पर हमने स्नान कर घाट खाली कर दिया। आधे घंटे में निरंजनी और आनंद अखाड़े के हजारों साधु संतों ने स्नान किया। निरंजनी अखाड़े के 35 महामंडलेश्वरों ने और हजारों की संख्या में नागा सन्यासियों ने अमृत स्नान किया।”

निरंजनी अखाड़े की साध्वी और पूर्व मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा, “घाट पर युवाओं की भीड़ यह बताती है कि उनमें सनातन धर्म के प्रति कितनी आस्था है। जब भी किसी ने सनातन धर्म को चुनौती दी, युवा और संत समाज ने आगे आकर धर्म की रक्षा की।”

निरंजनी अखाड़े और आनंद अखाड़े के बाद संख्या बल में सबसे अधिक जूना अखाड़े और आवाहन अखाड़े के हजारों साधु संतों ने अमृत स्नान किया। जूना अखाड़े के पीछे किन्नर अखाड़ा के भी सैकड़ों संतों और महामंडलेश्वरों ने भी अमृत स्नान किया।

जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि भव्य रथ पर सवार होकर स्नान घाट पर आए और उनके साथ हजारों की संख्या में नागा सन्यासी भी थे।

बारी बारी से तेरह अखाड़ों का अमृत स्नान शाम चार बजे तक पूरा होने की संभावना है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘यह हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत स्वरूप है। आज लोक आस्था के महापर्व मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुम्भ 2025, प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में प्रथम अमृत स्नान कर पुण्य अर्जित करने वाले सभी श्रद्धालुओं का अभिनंदन।’

कड़ाके की ठंड और कोहरे के बावजूद प्रयागराज में हर दिशा से जनसैलाब सुबह से ही संगम की ओर जाता दिखाई दिया। आम श्रद्धालु स्नान के साथ ही संगम क्षेत्र में अखाड़ों के साधु संतों के भी दर्शन कर रहे हैं।

संगम स्नान कर अपने गंतव्यों की ओर लौट रहे श्रद्धालुओं के लिए नगर के विभिन्न चौराहों और मुख्य मार्गों पर नगर वासियों द्वारा व्यापक स्तर पर सब्जी पूड़ी और खिचड़ी प्रसाद का वितरण किया जा रहा है।

पुराने शहर के मुट्ठीगंज चौराहे के पास ‘श्री राम जानकी मंदिर’ के नाम से भंडारा चला रहे श्रद्धालुओं में से एक मुकेश चंद्र जायसवाल ने बताया कि आज सुबह छह बजे से ही पूड़ी सब्जी, खिचड़ी एवं हलुआ का भंडारा निरंतर जारी है और यह रात 11 बजे तक चलेगा।

जीरो रोड चौराहे पर ‘प्रभु कृपा प्राचीन बाल रूप हनुमान मंदिर त्रिपौलिया’ के नाम से भंडारा चला रहे पंडित किशोर कुमार पाठक ने बताया कि सुबह से ही श्रद्धालुओं को खिचड़ी प्रसाद का वितरण किया जा रहा है ताकि वे प्रयागराज के बारे में अच्छा अनुभव लेकर जाएं।

भाषा राजेंद्र मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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