Zakir Hussain Instagram: 5 रुपये के मेहनताने में पहली बार बजाया था तबला.. आज करोड़ो की संपत्ति छोड़कर विदा हुए कला के माहिर जाकिर हुसैन..

Ustad Zakir Hussain Iages and videos किर हुसैन को तीन ग्रैमी अवॉर्ड भी मिले हैं। इसके अलावा भारत सरकार ने साल 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा था।

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  • Publish Date - December 15, 2024 / 11:59 PM IST,
    Updated On - December 15, 2024 / 11:59 PM IST

Ustad Zakir Hussain Iages and videos: नई दिल्ली: मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का निधन हो गया। वे 73 वर्ष के थे। उन्हें सुबह ही गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।

साल 1951 में जन्में उस्ताद के तबला वादन के रसिक पूरी दुनिया में हैं। उन्हें बचपन से ही धुन बजाने का शौक था। उनकी उँगलियों में जादू था।

Ustad Zakir Hussain Iages and videos: जाकिर हुसैन ने पहला कॉन्सर्ट 11 साल की उम्र में किया था। वहीं, उन्होंने 12 साल की उम्र में अमेरिका में परफॉर्म किया था। जहां उन्हें 5 रुपए मिले थे।

रिपोर्ट्स की माने तो उनकी नेटवर्थ 1 मिलियन डॉलर है। वो अपने एक कॉन्सर्ट के लिए 5 से 10 लाख रुपए की फीस चार्ज करते हैं।

Ustad Zakir Hussain Iages and videos: जाकिर हुसैन को तीन ग्रैमी अवॉर्ड भी मिले हैं। इसके अलावा भारत सरकार ने साल 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा था।

जाकिर हुसैन ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, मैंने जीवन में खूब पैसे कमाए, लेकिन जो 5 मिले थे वो सबसे ज्यादा कीमती थे।

Ustad Zakir Hussain Iages and videos: जाकिर हुसैन तबला वादन के अलावा एक्टिंग भी कर चुके हैं। उन्होंने साल 1983 में आई ब्रिटिश फिल्म हीट एंड डस्ट में काम किया था।

साल 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें ऑल स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में भाग लेने के लिए इनवाइट किया था।

Ustad Zakir Hussain Iages and videos: जाकिर हुसैन का जितना सम्मान भारत करता है। उतना ही सम्मान उन्हें अमेरिका में भी करता था। ये इनविटेशन पाने वाले वो पहले भारतीय म्यूजिशन थे।

अब प्वाइंट्स में पढ़े उस्ताद जाकिर हुसैन की ख़बरें

तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन कब हुआ?

उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन 15 दिसंबर 2024 को हुआ। वह लंबे समय से बीमार थे और सेन फ्रांसिसको में उनका इलाज चल रहा था।

उस्ताद जाकिर हुसैन को कौन-कौन से बड़े पुरस्कार मिले थे?

उस्ताद जाकिर हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्हें तीन ग्रैमी अवॉर्ड भी मिले थे।

तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन किस कारण से हुआ?

उस्ताद जाकिर हुसैन कई दिनों से बीमार थे। उनकी बीमारी के विस्तृत कारणों की जानकारी फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है।

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उस्ताद जाकिर हुसैन का संगीत करियर क्यों खास था?

उस्ताद जाकिर हुसैन ने तबला वादन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनकी विश्वव्यापी पहचान और तीन ग्रैमी अवॉर्ड उनकी संगीत प्रतिभा का प्रमाण हैं।

तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन के बाद उनके परिवार में कौन-कौन हैं?

उनके परिवार में उनकी पत्नी और बच्चे हैं। परिवार ने इस कठिन समय में प्राइवेसी बनाए रखने का अनुरोध किया है।

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