अमेरिका का चुनाव परिणाम मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन पर भी जनादेश है : पूर्व राजनयिक पी फेबियन |

अमेरिका का चुनाव परिणाम मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन पर भी जनादेश है : पूर्व राजनयिक पी फेबियन

अमेरिका का चुनाव परिणाम मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन पर भी जनादेश है : पूर्व राजनयिक पी फेबियन

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Modified Date: November 6, 2024 / 05:02 PM IST
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Published Date: November 6, 2024 5:02 pm IST

नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने की पूरी संभावना के बीच एक पूर्व भारतीय राजनयिक ने बुधवार को कहा कि चुनाव परिणाम मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन पर भी जनादेश है।

इटली में भारत के राजदूत रहे के पी फेबियन ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि ट्रंप चाहेंगे कि ‘‘यूक्रेन युद्ध खत्म हो जाए।’’

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस (60) को पछाड़ते हुए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (78) बुधवार को अपना दूसरा कार्यकाल हासिल करने के काफी करीब पहुंच गए, जिसे देश के इतिहास में सबसे बड़ी राजनीतिक वापसी में से एक बताया जा रहा है।

नवीनतम रूझान के अनुसार, रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार ट्रंप ने 267 निर्वाचक मंडल वोट, जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रत्याशी हैरिस ने 224 निर्वाचक मंडल वोट हासिल किये हैं। ट्रंप बहुमत का आंकड़ा हासिल करने से महज तीन वोट दूर हैं।

अमेरिकी चुनाव के नतीजों के बारे में पूछे जाने पर फेबियन ने कहा, ‘‘चुनाव में कमला हैरिस उम्मीदवार थीं, लेकिन यह (जो) बाइडन पर भी जनादेश है। ….क्योंकि, वह (कमला हैरिस) उपराष्ट्रपति थीं और बाइडन ने उन्हें नामित किया था। इसलिए, आंशिक रूप से, उन्हें अर्थव्यवस्था के संबंध में बाइडन की नीतियों का बोझ उठाना पड़ा।’’

उन्होंने कहा कि गैस की कीमतों में बढ़ोतरी अपनी कारों से हर जगह घूमने वाले अमेरिकियों के लिए बड़ा मुद्दा था। इस चुनाव में कई अमेरिकी मतदाताओं ने आव्रजन, सीमा सुरक्षा, बंदूक नियंत्रण कानून, प्रजनन अधिकार और विदेश नीति को सबसे महत्वपूर्ण कारक माना।

फेबियन ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया संघर्ष भी मतदाताओं के निर्णय को प्रभावित करने वाले कारक हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यूक्रेन युद्ध भी मुद्दा रहा। अधिकतर अमेरिकी यूक्रेन का समर्थन करते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि अमेरिकी एक बड़ा युद्ध चाहते हैं। और, अमेरिका को सैन्य सहायता और आर्थिक सहायता के रूप में इतना पैसा भेजना चाहिए।’’

पूर्व राजनयिक ने कहा कि सैन्य सहायता मायने नहीं रखती क्योंकि पैसा, हथियार बेच कर, अमेरिका में ही रहता है। लेकिन आर्थिक सहायता में पैसा खर्च होता है। उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में युद्ध को लेकर भी बाइडन ने गलती की।

फेबियन ने कहा कि उनके विचार से ट्रंप चाहेंगे कि यूक्रेन में युद्ध खत्म हो जाए, और वह अगले साल जनवरी में शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही ऐसा होते देखना चाहेंगे।

पूर्व राजदूत ने चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप की तीखी टिप्पणियों का भी जिक्र किया। फेबियन ने कहा, ‘‘उनकी एक शैली है जो अमेरिकियों को पसंद है, उनमें से काफी संख्या में लोग इसे पसंद करते हैं।’’

भारत-अमेरिका संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में फेबियन ने कहा, ‘‘रणनीतिक संबंधों की बात करें तो ट्रंप भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों के समर्थक होंगे।’’

भाषा आशीष मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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