अमेरिका की जलवायु कार्रवाई पहले ही अपर्याप्त, ट्रंप इसे और बदतर बना देंगे : सुनीता नारायण |

अमेरिका की जलवायु कार्रवाई पहले ही अपर्याप्त, ट्रंप इसे और बदतर बना देंगे : सुनीता नारायण

अमेरिका की जलवायु कार्रवाई पहले ही अपर्याप्त, ट्रंप इसे और बदतर बना देंगे : सुनीता नारायण

:   Modified Date:  November 6, 2024 / 04:14 PM IST, Published Date : November 6, 2024/4:14 pm IST

नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) पर्यावरणविद् और नीति विशेषज्ञ सुनीता नारायण ने बुधवार को कहा कि डोनाल्ड ट्रंप का अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में चुनाव वैश्विक जलवायु प्रयासों के लिए एक “बड़ा झटका” होगा, खासकर यदि वह मुद्रास्फीति न्यूनीकरण अधिनियम (आईआरए) जैसी महत्वपूर्ण घरेलू नीतियों को वापस ले लेते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ऐतिहासिक रूप से वैश्विक जलवायु प्रयासों में पीछे रह गया है, विशेष रूप से कमजोर देशों के लिए वित्तीय सहायता, डीकार्बोनाइजेशन और विकासशील देशों के लिए वित्तीय प्रतिबद्धताओं के मामले में, तथा ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से स्थिति और भी खराब हो जाएगी।

नारायण ने कहा कि अमेरिकी उत्सर्जन को कम करने के लिए आईआरए आवश्यक है, क्योंकि यह देश सबसे बड़े हरित गैस उत्सर्जकों में से एक है तथा तेल और गैस उत्पादन में अग्रणी है।

नारायण ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने घरेलू जलवायु कार्यों को प्राथमिकता दी है, लेकिन ट्रंप के अभियान का फ्रैकिंग (शेल चट्टान से गैस और तेल निकालने की एक तकनीक) और तेल उत्पादन के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करना अमेरिकी प्रतिबद्धताओं के लिए गंभीर खतरा है।

उन्होंने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप का अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में चुनाव वैश्विक पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका होगा। जबकि राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की तुलना में घरेलू स्तर पर अधिक मजबूत जलवायु कार्रवाई दिखाई है। अब हमारी प्राथमिक चिंता यह है कि ट्रंप मुद्रास्फीति न्यूनीकरण अधिनियम (आईआरए) सहित इन महत्वपूर्ण घरेलू प्रयासों को वापस ले सकते हैं।”

भाषा प्रशांत मनीषा

मनीषा

 

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