(बंटी त्यागी)
नयी दिल्ली, एक जनवरी (भाषा) मेट्रो रेल नेटवर्क का विस्तार, 84,000 सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, 700 किलोमीटर से अधिक साइकिल ट्रैक का विकास और शहरों में 88 लाख घरों का निर्माण कुछ ऐसे प्रमुख क्षेत्र रहे जिन पर साल 2024 में केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने अपना ध्यान केंद्रित किया।
इसके अलावा, मंत्रालय ने स्मार्ट सिटी अभियान, स्वच्छ भारत अभियान, कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (अमृत) के तहत कई पहल शुरू कीं। ये सभी केंद्र सरकार के प्रमुख कार्यक्रम हैं।
बीते साल 15 नवंबर तक, 100 स्मार्ट शहरों में से 13 ने अपनी सभी परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, जबकि 48 शहरों ने 90 प्रतिशत से अधिक पूर्णता हासिल कर ली है।
84,000 से अधिक सीसीटीवी निगरानी कैमरे स्थापित किए गए हैं, और अब तक 100 स्मार्ट शहरों में 713 किलोमीटर साइकिल ट्रैक विकसित किए गए हैं।
मंत्रालय के अनुसार, 23 स्मार्ट शहरों ने अपनी परियोजनाओं का 75 प्रतिशत से अधिक पूरा कर लिया है और 17,303 करोड़ रुपये की 714 परियोजनाएं वर्तमान में कार्यान्वयन चरण में हैं।
हाल ही में केंद्रीय आवासन एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा था कि 15 नवंबर तक 1,64,669 करोड़ रुपये की 8,066 परियोजनाओं के लिए वर्क ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं। इनमें से कुल 1,47,366 करोड़ रुपये की 7,352 परियोजनाएं (कुल परियोजनाओं का 91 प्रतिशत) पूरी हो चुकी हैं।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि पर्यवेक्षी नियंत्रण और आंकड़ा अधिग्रहण (स्काडा) प्रणाली के माध्यम से 17,026 किलोमीटर जल आपूर्ति प्रणालियों की निगरानी की जा रही है। इसके अतिरिक्त, 66 से अधिक शहर अपने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कार्यों को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं। स्काडा सिस्टम एक रिमोट कंट्रोल आधारित स्वचालित केंद्रीयकृत व्यवस्था है।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा 9,433 से अधिक स्मार्ट क्लासरूम और 41 डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की गई हैं। साथ ही मंत्रालय ने 172 ई-स्वास्थ्य केंद्र और क्लीनिक भी विकसित किए हैं और 152 स्वास्थ्य एटीएम स्थापित किए हैं।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी अभियान ने 100 स्मार्ट शहरों में प्रतिकृति मॉडल बनाए हैं जो ‘क्षेत्र आधारित विकास’ स्मार्ट सिटी समाधान परियोजनाओं सहित देश के अन्य महत्वाकांक्षी शहरों के लिए पावरहाउस के रूप में कार्य कर सकते हैं।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत, सरकार का एक अन्य प्रमुख कार्यक्रम, आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 9 जून, 2024 से लगभग 2.5 लाख मीट्रिक टन विरासत कचरे का समाधान करते हुए अहमदाबाद और हैदराबाद में दो प्रमुख डंपसाइट्स को नवीनीकृत किया है।
इसके अतिरिक्त, 1 नवंबर को गुजरात के पिपलाज में 1,000 मीट्रिक टन प्रति दिन और 15 मेगावाट की क्षमता वाले एक अपशिष्ट-से-ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया गया, जिसकी कीमत 375 करोड़ रुपये है।
सरकार ने नौ राज्यों असम, बिहार, दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश, मिजोरम, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में ठोस अपशिष्ट और प्रयुक्त जल प्रबंधन के साथ-साथ क्षमता निर्माण पहल पर केंद्रित परियोजनाओं के लिए 1,123 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए हैं।
मंत्रालय ने स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता (चार एस) 2024 अभियान भी शुरू किया, जिसका उद्देश्य कठिन और प्रदूषित क्षेत्रों में समयबद्ध और लक्षित परिवर्तन लाना है।
अभियान तीन मुख्य स्तंभों के आसपास बनाया गया है। इसमें स्वच्छता भागीदारी, संपूर्ण स्वच्छता और सफाई मित्र सुरक्षा शिविर शामिल हैं।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि मई 2014 तक देश में करीब 248 किलोमीटर मेट्रो रेल लाइनें परिचालन में थीं। तब से इसमें 745 किलोमीटर की वृद्धि हुई है और वर्तमान में, लगभग 993 किलोमीटर मेट्रो रेल लाइनें चालू हैं।
इस महीने की शुरुआत में, केंद्रीय आवासन और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह रेखांकित करते हुए कि देश में वर्तमान में 997 किलोमीटर मेट्रो रेल निर्माणाधीन है, कहा कि भारत में जल्द ही दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘देश भर के 23 शहरों में लगभग 993 किलोमीटर मेट्रो रेल परिचालन में है और देश के 28 शहरों में लगभग 997 किलोमीटर मेट्रो रेल निर्माणाधीन है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बनने की राह पर है।’’
अधिकारी ने कहा कि दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का 42 किलोमीटर लंबा हिस्सा वर्तमान में चालू है, शेष हिस्से के इस साल जून तक चालू होने की उम्मीद है।
सरकार ने पीएम-ई-बस सेवा भी शुरू की है, जिसका उद्देश्य शहरों में शहरी बस संचालन को बढ़ाना है। इस पहल में 10,000 पूरी तरह से वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती के लिए 20,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता शामिल है।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत लाभार्थियों को 88 लाख से अधिक घर वितरित किए गए हैं।
मंत्रालय ने 18 नवंबर तक 1.18 करोड़ से अधिक मकानों को मंजूरी दी है।
साहू ने हाल ही में कहा था कि सरकार देश भर के शहरी क्षेत्रों में पक्के घर उपलब्ध कराने के लिए 25 जून, 2015 से पीएमएवाई-यू के तहत केंद्रीय सहायता प्रदान करके राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों का पूरक रही है।
मंत्रालय के अनुसार, एक नया राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) जल्द ही शुरू किया जाएगा। मिशन का लक्ष्य सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए लगभग 2.5 करोड़ शहरी गरीब परिवारों को कवर करना है।
मिशन के तहत, 30 सितंबर, 2024 तक 1 करोड़ से अधिक शहरी गरीब महिलाओं को 9.96 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जोड़ा गया है।
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र नरेश
नरेश
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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