वक्फ समिति की बैठक में हंगामा, संशोधनों के अध्ययन के लिए पर्याप्त समय न देने का विपक्ष ने लगाया आरोप |

वक्फ समिति की बैठक में हंगामा, संशोधनों के अध्ययन के लिए पर्याप्त समय न देने का विपक्ष ने लगाया आरोप

वक्फ समिति की बैठक में हंगामा, संशोधनों के अध्ययन के लिए पर्याप्त समय न देने का विपक्ष ने लगाया आरोप

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Modified Date: January 24, 2025 / 01:29 PM IST
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Published Date: January 24, 2025 1:29 pm IST

नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) वक्फ संशोधन विधेयक पर संसदीय समिति की बैठक में शुक्रवार को हंगामा हुआ और विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि मसौदा विधेयक में प्रस्तावित बदलावों के अध्ययन के लिए उन्हें पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त समिति कश्मीर के धार्मिक प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के विचार सुनने वाली है।

मीरवाइज को बुलाने से पहले समिति के सदस्यों ने आपस में चर्चा की और इसी दौरान विपक्षी नेताओं के साथ बैठक में हंगामा हो गया। विपक्षी सदस्यों ने दावा किया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को शीघ्र स्वीकार करने पर जोर दे रही है।

बैठक के दौरान तीखी बहस के कारण कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई। मीरवाइज के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल समिति की बैठक फिर से शुरू होने के बाद उसके समक्ष पेश हुआ।

तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कल्याण बनर्जी और कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन बैठक से बाहर निकल आए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि समिति की कार्यवाही ‘तमाशा’ बन गई है।

उन्होंने मांग की कि प्रस्तावित संशोधनों पर खंडवार विचार करने के लिए 27 जनवरी को होने वाली बैठक को 30 जनवरी या 31 जनवरी तक के लिए टाल दिया जाए।

भाजपा सदस्य निशिकांत दुबे ने विपक्षी सदस्यों की आलोचना करते हुए कहा कि उनका आचरण संसदीय परंपरा के खिलाफ है और वे बहुमत की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं।

समिति के समक्ष पेश होने से पहले मीरवाइज ने संवाददाताओं से कहा कि वह वक्फ संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध करते हैं और धर्म के मामलों में सरकार के हस्तक्षेप नहीं करने का समर्थन करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि हमारे सुझावों को सुना जाएगा और उन पर अमल किया जाएगा तथा ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा जो मुसलमानों को महसूस कराए कि उन्हें शक्तिहीन किया जा रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वक्फ का मुद्दा बहुत गंभीर मामला है, खासकर जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए। क्योंकि यह एक मुस्लिम बहुल राज्य है। कई लोगों को इस बारे में चिंताएं हैं और हमने इन चिंताओं के बिंदुवार समाधान के लिए एक विस्तृत ज्ञापन तैयार किया है। हम चाहते हैं कि सरकार वक्फ मामलों में हस्तक्षेप करने से बचे।’’

उन्होंने दावा किया कि जब मस्जिदों और मंदिरों की बात होती है तो जम्मू-कश्मीर में पहले से ही तनाव का माहौल है।

मीरवाइज ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिए जिससे जम्मू कश्मीर में माहौल खराब हो।

इससे पहले मीरवाइज, पाल से उनके आवास पर मिलने वाले थे।

यह पहली बार है जब लगभग निष्क्रिय हो चुके अलगाववादी समूह हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज ने पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद कश्मीर घाटी से बाहर कदम रखा है।

भाषा हक ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र मनीषा

मनीषा

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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