उप्र : लखीमपुर खीरी में सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों के चुनाव की प्रक्रिया विवादों में घिरी |

उप्र : लखीमपुर खीरी में सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों के चुनाव की प्रक्रिया विवादों में घिरी

उप्र : लखीमपुर खीरी में सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों के चुनाव की प्रक्रिया विवादों में घिरी

:   Modified Date:  September 13, 2024 / 06:21 PM IST, Published Date : September 13, 2024/6:21 pm IST

लखीमपुर खीरी (उप्र), 13 सितंबर (भाषा) लखीमपुर खीरी जिले में सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों के चुनाव की प्रक्रिया उस समय विवादों में घिर गई, जब स्थानीय भाजपा विधायक मंजू त्यागी ने फूलबेहार सहकारी समिति के लिए नामांकन प्रक्रिया के दौरान चुनाव अधिकारियों से कथित तौर पर दस्तावेज छीन लिए।

इस घटना का एक वीडियो भी बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर सामने आया है। यह घटना जिले में फूलबेहड़, ओयल और महेवागंज समेत कई सहकारी समितियों के लिए नामांकन प्रक्रिया के दौरान हुई।

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाते हुए कहा, “भाजपाई लोकतंत्र का अपहरण कर छल-बल और गुंडई से हर पद पर जबरदस्ती कब्जा करना चाहते हैं। निष्पक्ष चुनाव नहीं होने दे रहे हैं।”

इससे पहले सपा के जिला अध्यक्ष रामपाल यादव, पूर्व जिला अध्यक्ष अनुराग पटेल और पार्टी के पूर्व विधायक राम सरन ने श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक त्यागी पर बृहस्पतिवार को उप जिलाधिकारी (एसडीएम) और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में उम्मीदवारों के नामांकन पत्र छीनकर नामांकन प्रक्रिया को बाधित करने का आरोप लगाया।

पटेल ने दावा किया कि सपा उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया था और दस्तावेजी सबूत भी दिए थे लेकिन त्यागी ने प्रक्रिया को रोकने के लिए हस्तक्षेप किया।

सपा नेताओं ने शुक्रवार को जिलाधिकारी से मिलने की बात कही और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की मांग की।

उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि भाजपा नेताओं ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का प्रयास किया है।

निर्वाचन अधिकारी शिरीष त्रिपाठी ने कहा कि 16 नामांकन पत्र खरीदे गए थे, लेकिन बृहस्पतिवार को कोई नामांकन दाखिल नहीं किया गया। उन्होंने त्यागी के खिलाफ आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिला अध्यक्ष सुनील सिंह ने आरोपों का खंडन करते हुए नामांकन प्रक्रिया के दौरान गड़बड़ी पैदा करने के लिए समाजवादी पार्टी के नेताओं को दोषी ठहराया।

उन्होंने दावा किया कि विधायक मंजू त्यागी भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा बुलाए जाने के बाद घटनास्थल पर पहुंचे थे।

सिंह ने त्यागी द्वारा नामांकन पत्र छीनने के आरोपों से इनकार किया। घटना पर टिप्पणी के लिए त्यागी से संपर्क नहीं किया जा सका।

इस बीच, सपा मुख्यालय से जारी एक बयान के अनुसार, पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में लोकतंत्र और संविधान खतरे में है, अराजकता का माहौल है।

उन्होंने आरोप लगाया, “सरकार के संरक्षण में भाजपाई लोकतंत्र खत्म करने पर अमादा है। भाजपा चुनावी प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ करती हैं। भाजपाई लोकतंत्र का अपहरण कर छल-बल और गुंडई से हर पद पर जबरदस्ती कब्जा करना चाहते हैं, निष्पक्ष चुनाव नहीं होने दे रहे हैं।”

यादव ने दावा किया, “ताजा मामला लखीमपुर खीरी में साधन सहकारी समिति के चुनाव का है। भाजपा विधायक मंजू त्यागी ने एसडीएम और पुलिस के सामने से प्रत्याशियों के आवेदनों के पर्चे लूट लिये। पर्चों के साथ ही भाजपा विधायक नामांकन कक्ष से कई सरकारी कागज भी छीन ले गयीं। पुलिस पूरे घटनाक्रम की मूकदर्शक बनी रही।”

उन्होंने आरोप लगाया, “भाजपा के लोग लोकतंत्र को लूट रहे है। जनता को धोखा दे रहे हैं। भाजपा कोई चुनाव स्वतंत्र और पारदर्शी ढंग से नहीं होने दे रही है।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “इससे पहले ब्लाक प्रमुख और एमएलसी चुनाव में भी विपक्षी प्रत्याशियों से पर्चा लूटने की घटनाएं सामने आ चुकी है। भाजपा लोकतंत्र के लिए कलंक बन गयी है।”

सपा प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि जबसे भाजपा सत्ता में आयी है तबसे विधानसभा, लोकसभा चुनाव से लेकर जिला पंचायत, ब्लाक प्रमुखों और विधान परिषद तक हर चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग दिखाई दे रहा है। शासन-प्रशासन के बल पर भाजपा नेता गुंडई पर उतारू हैं।

भाषा सं जफर आनन्द जितेंद्र

जितेंद्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)