प्रयागराज, 30 सितंबर (भाषा) उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन (एचएसबीए) ने वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चंद्र मिश्र के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ की न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा द्वारा आपराधिक अवमानना का आदेश पारित करने का सोमवार को विरोध किया।
उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन की विज्ञप्ति के मुताबिक, “सोमवार को बार एसोसिएशन की आपात बैठक आहूत की गई जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चंद्र मिश्र के खिलाफ न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा द्वारा पारित आपराधिक अवमानना के आदेश का विरोध किया गया।”
एचएसबीए की बैठक में यह निर्णय किया गया कि उच्चतम न्यायालय को पत्र लिखकर न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा को किसी दूसरे राज्य के उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया जाएगा।
एचएसबीए के अध्यक्ष अनिल तिवारी के मुताबिक, “एसोसिएशन के सचिव को बैठक में पारित प्रस्तावों की एक प्रति उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश को अविलंब प्रेषित करने का आग्रह किया गया है।”
बैठक में अधिवक्ता राम बहादुर गुप्ता द्वारा क्षमा मांगने पर उन्हें अंतिम अवसर देते हुए उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई। बार एसोसिएशन ने छह अगस्त, 2024 को राम बहादुर गुप्ता की सदस्यता समाप्त कर दी थी।
उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता राम बहादुर गुप्ता द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कर्मचारी की पत्नी के साथ दुर्व्यवहार का एक वीडियो वायरल होने के बाद उच्च न्यायालय मिनिस्टीरियल आफिसर एसोसिएशन ने बार एसोसिएशन को पत्र लिखकर आरोपी अधिवक्ता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी जिस पर एसोसिएशन ने गुप्ता की सदस्यता समाप्त कर दी थी।
भाषा
राजेंद्र, रवि कांत रवि कांत
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