यूपी। UP Conversion Case: यूपी के बहुचर्चित अवैध धर्मांतरण मामले में लखनऊ में एनआईए की विशेष अदालत ने अवैध धर्म परिवर्तन के मामले में दोषी करार दिए गए मोहम्मद उमर गौतम और मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत 12 लोगों को आज उम्रकैद और 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इन सभी को कल दोषी करार दिया था और सजा का ऐलान आज किया। एनआईए एटीएस कोर्ट के जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने इन सभी को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 417, 120b, 153a, 153b, 295a, 121a, 123 और अवैध धर्मांतरण कानून की धारा 3, 4, और 5 के तहत दोषी करार दिया है जिनमें 10 साल की सजा से लेकर आजीवन कारावास का प्रावधान है।
बता दें कि, जिन दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है, उनमें प्रकाश रामेश्वर कांवड़े उर्फ एडम, कौसर आलम, भूप्रिय बंदो उर्फ अर्सलान मुस्तफा, डॉक्टर फराज बाबुल्लाह शाह, मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी ,इरफान शेख उर्फ इरफान खान , सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख, अब्दुल्ला उमर , धीरज गोविंद राव जगताप और सरफराज अली जाफरी के नाम शामिल हैं।एटीएस ने इन्हें देश के अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार किया था। 20 जून 2021 को इस मामले की एफआईआर एटीएस के थाने में दर्ज हुई थी।
UP Conversion Case: विशेष लोक अभियोजक एमके सिंह के मुताबिक, उमर गौतम और मामले के अन्य अभियुक्त एक साजिश के तहत धार्मिक उन्माद, वैमनस्य और नफरत फैलाकर देशभर में अवैध धर्मांतरण का गिरोह चला रहे थे। उनके तार दूसरे देशों से भी जुड़े हैं। सिंह ने बताया कि इसके लिए आरोपी हवाला के जरिए विदेशों से धन भेजे जाने के मामले में भी लिप्त थे। वे आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं और दिव्यांगों को लालच देकर और उन पर अनुचित दबाव बनाकर बड़े पैमाने पर उनका धर्म परिवर्तन करा रहे थे।