पेड़ों की कटाई और प्रतिमा हटाने को लेकर अनावश्यक विवाद पैदा किया जा रहा है: हिमंत |

पेड़ों की कटाई और प्रतिमा हटाने को लेकर अनावश्यक विवाद पैदा किया जा रहा है: हिमंत

पेड़ों की कटाई और प्रतिमा हटाने को लेकर अनावश्यक विवाद पैदा किया जा रहा है: हिमंत

:   Modified Date:  November 6, 2024 / 01:29 PM IST, Published Date : November 6, 2024/1:29 pm IST

गुवाहाटी, छह नवंबर (भाषा) असम के इस शहर में एक फ्लाईओवर बनाने के लिए सालों पुराने पेड़ों को काटने को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने दावा किया है कि कुछ लोगों ने सरकार के विकास कार्यों पर निशाना साधने के लिए ‘अनावश्यक विवाद’ पैदा किया है।

गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने शहर में दिघालीपुखुरी से नूनमती तक 852.68 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे चार लेन के पांच किलोमीटर से अधिक लंबे फ्लाईओवर के निर्माण के लिए करीब 2500 साल पुराने पेड़ों की कटाई पर असम सरकार को मंगलवार को नोटिस जारी किए।

असम का यह सबसे लंबा फ्लाईओवर होगा जिसकी लंबाई 5.05 किलोमीटर होगी।

शर्मा ने मंगलवार को आधी रात के आसपास निर्माण स्थल का दौरा करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले छह महीने से मैं देख रहा हूं कि एक विशेष तबका फ्लाईओवर और दिघालीपुखुरी के पेड़ों को लेकर अनावश्यक विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहा है।’’

उन्होंने कहा कि दूसरा विवाद असम साहित्य के पुरोधा साहित्यकार लक्ष्मीनाथ बेजबरुआ की प्रतिमा को स्थानांतरित करने की अटकलों से संबंधित है। उन्होंने दावा किया कि फ्लाईओवर प्रतिमा के ऊपर से गुजरेगा और वह वहीं रहेगी जहां अभी है।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘मुझे लगता है कि उन कुछ लोगों ने ये दो विवाद पैदा किए जो सरकार के विकास कार्यों पर निशाना साध रहे हैं। कुछ लोगों ने अनावश्यक विवाद पैदा किया कि दिघालीपुखुरी के पेड़ों को काटा जाएगा, जबकि यह बात तथ्यों पर आधारित नहीं है। हमने इस बारे में गुवाहाटी उच्च न्यायालय को सूचित कर दिया है।’’

उन्होंने दावा किया कि साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता असमिया साहित्यकार डॉ हिरेन गोहेन ने यह बात कहकर अनावश्यक विवाद पैदा किया है कि प्रतिमा हटा दी जाएगी।

शर्मा ने कहा, ‘‘हिरेन गोहेन जैसे लोग नहीं चाहते कि गुवाहाटी में अच्छी चीजें हों। हर बात का समाधान होता है। असम सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है कि अगर एक पेड़ काटा जाता है, तो 10 पेड़ लगाने होंगे। मुझे लगता है कि कुछ लोग पेड़ों से प्यार करते हैं और कुछ लोग सरकार को असहज स्थिति में डालना चाहते हैं।’’

भाषा

वैभव नरेश

नरेश

 

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