केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के भाई पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज |

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के भाई पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के भाई पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज

:   Modified Date:  October 18, 2024 / 06:39 PM IST, Published Date : October 18, 2024/6:39 pm IST

बेंगलुरु, 18 अक्टूबर (भाषा) बेंगलुरु पुलिस ने जनता दल (सेक्युलर) के एक पूर्व विधायक की पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई धोखाधड़ी की शिकायत के आधार पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के भाई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने स्पष्ट किया कि वे अपने भाई गोपाल जोशी से तीन दशक से अधिक समय पहले से अलग हो चुके हैं। जोशी ने कहा कि उन्होंने अदालत में एक हलफनामा भी दायर किया था तथा एक सार्वजनिक नोटिस भी प्रकाशित करवाया था, जिसमें कहा गया कि जो भी व्यक्ति उनका भाई, रिश्तेदार या मित्र होने का दावा करेगा और किसी वित्तीय गतिविधि में शामिल होगा, वह उसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

पुलिस सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि गोपाल जोशी और विजयलक्ष्मी नाम की महिला के खिलाफ बसवेश्वर नगर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। गोपाल के बेटे अजय जोशी का नाम भी प्राथमिकी में दर्ज किया गया है।

यह शिकायत नागथाना के पूर्व विधायक देववंद फूल सिंह चव्हाण की पत्नी सुनीता चव्हाण ने दर्ज कराई है। देवावंद 2023 का विधानसभा चुनाव हार गए थे।

सुनीता ने आरोप लगाया कि वह मार्च में उत्तर कर्नाटक के हुब्बल्ली में स्थित गोपाल के आवास पर गई थीं, जहां गोपाल ने उन्हें मई में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिलाने का वादा किया था। बाद में उन्होंने उनके (गोपाल) निर्देश पर विजयलक्ष्मी के बसवेश्वर नगर स्थित आवास पर 25 लाख रुपये भी पहुंचाए।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि विजयलक्ष्मी का परिचय उन्हें प्रह्लाद जोशी की बहन के रूप में कराया गया था, लेकिन मंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी कोई बहन नहीं है, क्योंकि वे चार भाई थे, जिनमें से एक की 1984 में महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक सड़क हादसे में मृत्यु हो गई थी।

सुनीता ने आरोप लगाया कि जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने गोपाल से फिर बात की। उन्होंने आरोप लगाया कि गोपाल ने उन्हें बताया कि उन्हें 200 करोड़ रुपये की परियोजना मिलने वाली है जिसके बाद वह उनकी रकम लौटा देंगे।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि गोपाल ने उनसे 1.75 करोड़ रुपये मांगे और उन्होंने यह रकम दे दी।

उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बाद गोपाल ने 20 दिन में पैसे लौटाने का अपना वादा पूरा नहीं किया।

उन्होंने कहा कि वह विजयलक्ष्मी के घर भी गईं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

बेंगलुरू के पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने संवाददाताओं से कहा, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि दो करोड़ रुपये किस्तों में दिए गए थे और इसकी भी जांच की जा रही है।’

नयी दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री ने अपने हलफनामे का एक अंश भी पढ़ा।

हलफनामे में कहा गया है, ‘मैं और गोपाल वी जोशी 20 साल से ज्यादा समय से अलग रह रहे हैं। इस संबंध में हमने 17 मार्च, 2012 को व्यवस्था पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।’

उन्होंने कहा, हम किसी संयुक्त परिवार का दर्जा नहीं रखते हैं और हम सामाजिक और वित्तीय रूप से कोई संयुक्त लेन-देन नहीं करते हैं। हम साथ नहीं रहते हैं। मैं किसी भी तरह से या उसके पेशे और लेन-देन से उससे जुड़ा नहीं हूं।’

मंत्री ने कहा, ‘मैंने खबर पढ़ी कि मेरी एक बहन भी है। सबसे पहले मैं आधिकारिक तौर पर कहता हूं कि मेरी कोई बहन नहीं है।’

भाषा योगेश नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)