केंद्रीय बजट दिशाहीन, राजस्थान को केवल निराशा हाथ लगी : अशोक गहलोत |

केंद्रीय बजट दिशाहीन, राजस्थान को केवल निराशा हाथ लगी : अशोक गहलोत

केंद्रीय बजट दिशाहीन, राजस्थान को केवल निराशा हाथ लगी : अशोक गहलोत

:   Modified Date:  July 23, 2024 / 06:36 PM IST, Published Date : July 23, 2024/6:36 pm IST

जयपुर, 23 जुलाई (भाषा) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय बजट दिशाहीन है और राजस्थान को केवल निराशा हाथ लगी है।

उन्होंने कहा कि महंगाई को काबू करने के लिए इस बजट में कोई उपाय नहीं किए गए हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट मंगलवार को लोकसभा में पेश किया।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत ने एक बयान में कहा, ‘‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये गए बजट में राजस्थान को केवल निराशा हाथ लगी है। ऐसा लगता है कि राजनीतिक कारणों से केंद्र सरकार ने केवल आंध्र प्रदेश तथा बिहार को ही पूरे देश का बजट सौंप दिया हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भौगोलिक एवं सामाजिक रूप से हमारे राजस्थान को विशेष पैकेज की आवश्यकता थी परन्तु पूरे बजट भाषण में राजस्थान का नाम तक नहीं आया जबकि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान तथाकथित डबल इंजन की सरकार से डबल विकास के भ्रामक दावे के बगैर प्रधानमंत्री जी का कोई भाषण समाप्त नहीं होता था।’’

गहलोत के अनुसार, ‘‘हमें आशा थी कि केन्द्र सरकार इस बजट में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देगी और इसके लिए विशेष धनराशि मिलेगी लेकिन केन्द्र सरकार ने ईआरसीपी पर भी कोई घोषणा न कर राजस्थान के हितों के साथ खिलवाड़ किया है।’’

उन्होंने कहा कि पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार का वादा दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष का था परन्तु अब पांच साल में 1 करोड़ ‘इंटर्नशिप’ और पांच हजार रुपये माह देने की घोषणा बजट में की गई है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘महंगाई को काबू करने के लिए इस बजट में कोई उपाय नहीं किए गए हैं। न तो पेट्रोल-डीजल पर कोई कर कम किया गया और न ही रसोई गैस सस्ती की गई। राजस्थान में हमारी सरकार ने 500 रुपये में गैस सिलेंडर दिया। जब राजस्थान राज्य ऐसा कर सकता है तो केन्द्र सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती?’’

उन्होंने कहा, ‘‘पूरे बजट भाषण को पढ़ने के बाद जनता निराश है। ऐसा दिशाहीन बजट देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में शायद ही कामयाब हो।’’

भाषा पृथ्वी कुंज खारी

खारी

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)