दो साल की मासूम के पैर फ्रैक्चर होने पर उसकी डॉल को भी चढ़ाना पड़ा प्लास्टर.. देखिए | Two-year-old innocent foot fracture, her doll also had to plaster

दो साल की मासूम के पैर फ्रैक्चर होने पर उसकी डॉल को भी चढ़ाना पड़ा प्लास्टर.. देखिए

दो साल की मासूम के पैर फ्रैक्चर होने पर उसकी डॉल को भी चढ़ाना पड़ा प्लास्टर.. देखिए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : August 31, 2019/8:52 am IST

नई दिल्ली। छोटे बच्चों को मनाने के लिए क्या क्या जतन नहीं करना पड़ता। दिल्ली में एक ग्यारह महीने की बच्ची को प्लास्ट चढ़ाने के लिए उसकी डॉल को भी प्लास्ट लगाना पड़ा। दरअसल बैड से गिरने पर बच्ची के दोनों पैर फ्रैक्चर हो गए। बच्ची के माता पिता जब बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची की हड्डियों को जोड़ने के लिए दो हफ्ते तक पैरों को रॉड से जोड़कर ऊपर की ओर लटकाकर रखना होगा।

<blockquote
class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr">Dr Ajay Gupta,
Professor of Orthopedic at Lok Nayak Hospital in Delhi: An 11-month-old
girl suffering from a fracture was refusing treatment so her mother gave
us idea to pretend to treat her doll first, as child is very close to
the doll. It worked well &amp; patient felt comforted. <a
href="https://t.co/I9JBh6ZsI6">pic.twitter.com/I9JBh6ZsI6</a></p>&mdash;
ANI (@ANI) <a
href="https://twitter.com/ANI/status/1167710840436379653?ref_src=twsrc%5Etfw">August
31, 2019</a></blockquote>
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charset="utf-8"></script>

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बच्ची के परिजन इसके लिए तैयार हो गए। लेकिन बच्ची रो रोकर अस्पताल से बाहर जाने की जिद करती है। डॉक्टर्स को भी नहीं सूझ रहा था कि बच्ची को कैसे मनाए। फिर एक डॉक्टर ने परिजनों से बच्ची का सबसे खास खिलौना लाने को कहा। बच्ची को उसकी गुड़िया से ज्यादा लगाव था। वो दिन भर अपनी डॉल को साथ रखती और उससे खेलती। डॉक्टर ने बच्ची के बैड में गुड़िया को भी रखा। सबसे पहले गुड़िया के पैरों को लटकाया और ठीक उसी तरह है बच्ची को फुसलाकर उसके भी पैरों को रॉड से लटकाकर प्लास्टर किया गया।

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अब स्थिति यह है कि डॉक्टरों को जब जिक्रा को दवाई देनी होती है, तो पहले परी को दवा देने का दिखावा करना होता है। इसके बाद जिक्रा दवा लेती है। लगभग दो हफ्ते होने के बाद अब बच्ची काफी ठीक हो रही है। बच्ची अब पूरे अस्पताल की चहेती हो गई है।

एमपी का कप्तान कौन

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