अहमदाबाद, 12 नवंबर (भाषा) गुजरात सरकार ने अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के दो लाभार्थियों की एंजियोप्लास्टी के बाद मौत मामले की जांच का मंगलवार को आदेश दिया।
दोनों मृतकों के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि अस्पताल ने सभी को अंधेरे में रखा और सरकारी योजना के तहत चिकित्सा बिल बढ़ाने के लिए जल्दबाजी में एंजोयोप्लास्टी की।
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत जरूरतमंद लोगों को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराया जाता है।
नागरभाई सेनमा (59) और महेश बारोट (45) की अहमदाबाद के बोदकदेव इलाके में स्थित ख्याति मल्टीस्पेशियल्टी अस्पताल में सोमवार को एंजियोप्लास्टी के साथ-साथ स्टेंट लगाने की प्रक्रिया के तुरंत बाद मौत हो गई थी।
सेनमा और बारोट की मौत की जानकारी मिलने के बाद उनके रिश्तेदार अस्पताल पहुंचे और सरकार से न्याय की मांग की। उन्होंने दावा किया कि दोनों व्यक्ति स्वस्थ थे और अस्पताल प्रबंधन ने पीएमजेएवाई योजना के तहत चिकित्सा बिल बढ़ाने के लिए जल्दबाजी में उनकी एंजियोप्लास्टी कर दी।
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने कहा, ‘‘ख्याति अस्पताल में घटी कथित घटना बहुत गंभीर है। मैंने पीएमजेएवाई की राज्य धोखाधड़ी विरोधी इकाई (एसएएफयू) से मामले की तत्काल जांच कराने का आदेश दिया है। अगर चिकित्सकीय लापरवाही के आरोपों और सबूतों में कोई भी सच्चाई है, तो संबंधित चिकित्सकों और अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’
अधिकारियों की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि अस्पताल ने रविवार को गुजरात के मेहसाणा जिले के कादी तालुका के बोरिसाना गांव में एक मुफ्त चिकित्सा जांच शिविर का आयोजन किया था।
पटेल ने बताया कि शिविर के बाद अस्पताल 19 ग्रामीणों को यह कहकर अपने यहां ले लाया कि उन्हें एंजियोग्राफी करानी होगी।
मंत्री ने कहा, ‘‘एंजियोग्राफी के बाद अस्पताल ने उनमें से सात की एंजियोप्लास्टी की और स्टेंट भी डाला। इन सात में से दो की सोमवार को सर्जरी के तुरंत बाद मौत हो गई। यह आपराधिक लापरवाही के अलावा और कुछ नहीं है।’’
पटेल ने बताया कि घटना के मद्देनजर निजी अस्पतालों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविरों के आयोजन को लेकर जल्द एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जाएगी।
मेहसाणा के कादी से ताल्लुक रखने वाले गुजरात के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ख्याति अस्पताल पहुंचे और 12 अन्य मरीजों से बातचीत की।
उन्होंने कहा, ‘‘रविवार को शिविर के आय़ोजन के बाद अस्पताल सोमवार को 19 ग्रामीणों को अहमदाबाद ले आया। जिन सात लोगों की एंजियोप्लास्टी की गई और स्टेंट डाला गया, उनमें से दो की मौत हो गई है। ग्रामीणों ने मुझे बताया कि उनके रिश्तेदारों को भी सर्जरी के बारे में जानकारी नहीं थी।’’
नितिन पटेल ने कहा, ‘‘उन्हें लग रहा था कि सिर्फ जांच कराई जाएगी। उन्होंने चिकित्सकों के निर्देशानुसार फॉर्म पर दस्तखत किए थे।’’
इन 19 मरीजों के रिश्तेदारों ने सोमवार रात अस्पताल के बाहर बनाए गए एक वीडियो में आरोप लगाया कि अस्पताल ने जल्दबाजी में ऑपरेशन किया और सिर्फ आयुष्मान भारत योजना के तहत अनुचित लाभ लेने के लिए सभी को अंधेरे में रखा।
भाषा पारुल मनीषा
मनीषा
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)