'Twitter war' over Congress's 'outsider' leaders being made RS candidates

‘आप गांधी-नेहरू परिवार के गुलाम हैं’ बाहरी नेताओं को राज्यसभा भेजे जाने पर ‘ट्विटर वॉर’, विपक्ष के नेताओं ने कही ये बात

'आप गांधी-नेहरू परिवार के गुलाम हैं' ! 'Twitter war' over Congress's 'outsider' leaders being made RS candidates

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:21 PM IST, Published Date : May 30, 2022/2:24 pm IST

जयपुर: outsider leaders RS candidates कांग्रेस द्वारा राजस्थान से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए अगले महीने होने जा रहे चुनाव में ‘बाहरी’ नेताओं को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर ‘ट्विटर वॉर’ शुरू हो गया है। इसमें मुख्य रूप से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार एवं निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कांग्रेस आलाकमान से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

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outsider leaders RS candidates कांग्रेस द्वारा प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद लोढ़ा ने रविवार रात हैशटैग ‘कांग्रेस संकल्प’ के साथ ट्वीट किया, “कांग्रेस पार्टी को यह बताना चाहिए कि राजस्थान के किसी भी कांग्रेस नेता/कार्यकर्ता को राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी नहीं बनाने के क्या कारण हैं?” राजस्थान की चार राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को चुनाव होंगे। कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी और रणदीप सिंह सुरजेवाला को, जबकि भाजपा ने पूर्व मंत्री घनश्याम तिवारी को टिकट दिया है।

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कांग्रेस के पूर्व नेता लोढ़ा को 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का टिकट नहीं मिला तो उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में किस्मत आजमाई और जीत भी दर्ज की। भाजपा के मुखर नेता और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने लोढ़ा के ट्वीट पर कटाक्ष करते हुए लिखा, “मेरे मित्र, सदन में आपने कहा था कि आप गांधी-नेहरू परिवार के गुलाम हैं और हमेशा गुलामी करना चाहते हैं। गुलाम को सवाल पूछने का हक किसने दिया?” राठौड़ ने कहा, “बाहरी लोगों को राज्यसभा चुनाव का टिकट देने का दर्द आपसे बेहतर कोई नहीं जान सकता, क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने आपको हर बार टिकट से वंचित रखा है।” लोढ़ा ने सोमवार को एक वीडियो बयान जारी कहा कि ‘बाहरी’ उम्मीदवारों के चयन से स्थानीय कार्यकर्ता नाउम्मीद हुए हैं और पार्टी को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।

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उन्होंने कहा, “राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान के तीनों उम्मीदवार प्रदेश के बाहर से चुने हैं। प्रत्याशी तय करना पार्टी का अधिकार है, लेकिन राजस्थान के किसी भी कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता को प्रत्याशी नहीं बनाए जाने से राज्य के लोगों में गहरी निराशा है। कार्यकर्ता नाउम्मीद हुए हैं।” लोढ़ा ने कहा, “मैं कांग्रेस पार्टी से गुजारिश करता हूं कि वह पुनर्विचार करे और राजस्थान के किसी भी कांग्रेस नेता या कार्यकर्ता को राज्यसभा में जाने का मौका दे। ऐसा न करने पर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत की संभावनाओं को भारी आघात लगेगा।”

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वहीं, मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा, “कांग्रेस पार्टी ने राज्यसभा चुनाव में तीनों बाहरी उम्मीदवार उतारकर राजस्थान के बाशिंदों को आहत किया है। कांग्रेस के अंदर योग्य व्यक्तियों की कोई कदर नहीं है, जो पार्टी की मौजूदा हालात का प्रमुख कारण है।” राजस्थान से राज्यसभा की 10 सीटें हैं, जिन पर फिलहाल भाजपा के सात और कांग्रेस के तीन सदस्य काबिज हैं। राजस्थान से कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सदस्यों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी शामिल हैं। इनमें से केवल डांगी ही राजस्थान के निवासी हैं।

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राज्यसभा की चार राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव 10 जून को होगा, क्योंकि भाजपा के ओमप्रकाश माथुर, केजे अल्फोंस, राम कुमार वर्मा और हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर का कार्यकाल चार जुलाई को पूरा हो रहा है। राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 31 मई है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, नामांकन पत्रों की जांच एक जून 2022 को होगी। वहीं, तीन जून 2022 तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। आवश्यक होने पर 10 जून को मतदान होगा। उल्लेखनीय है कि 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में इस समय कांग्रेस के 108, भाजपा के 71, 13 निर्दलीय, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन, माकपा व भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो-दो विधायक हैं।

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