एक साल में ‘ट्रेन पर ट्रक’ सेवा ने असीम संभावनाओं को रेखांकित किया : डीएफसीसीआईएल |

एक साल में ‘ट्रेन पर ट्रक’ सेवा ने असीम संभावनाओं को रेखांकित किया : डीएफसीसीआईएल

एक साल में ‘ट्रेन पर ट्रक’ सेवा ने असीम संभावनाओं को रेखांकित किया : डीएफसीसीआईएल

:   Modified Date:  September 24, 2024 / 01:32 PM IST, Published Date : September 24, 2024/1:32 pm IST

रेवाड़ी, 24 सितंबर (भाषा) वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कोरिडोर ने 18 सितंबर 2023 में ‘ट्रेन पर ट्रक’ सेवा की शुरुआत की थी और यह एक साल में कारोबार विकास, सड़क पर जाम कम करने और प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक अनूठी पहल के रूप में सामने आया है। डेडीकेटेड फ्रेट कोरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) ने मंगलवार को यह दावा किया।

डीएफसीसीआईएल ने कहा कि इस सेवा ने 18 सितंबर को अपना एक साल पूरा कर लिया और प्रयोग से पता चला कि इस नए परिवहन मॉडल में विकास की असीम संभावनाएं हैं। यह कंपनियों और माल परिचालन दोनों के लिए फायदे की स्थिति हो सकती है।

‘ट्रक-पर-ट्रेन’ (टीओटी) सेवा के तहत गुजरात के पालनपुर में प्रतिदिन 30 ट्रक को एक मालगाड़ी पर लादा जाता है और लगभग 12 घंटों में 630 किमी की दूरी तय करके गलियारे के माध्यम से हरियाणा के रेवाड़ी तक पहुंचाया जाता है।

डीएफसीसीआईएल ने बताया कि इन ट्रक को रेवाड़ी में उतारने के बाद सड़क मार्ग से उन्हें उनके गंतव्य के लिए रवाना कर दिया जाता है। एक बार माल पहुंचाने के बाद खाली ट्रक को वापस ट्रेन पर लाद दिया जाता है और प्रारंभिक बिंदु पर भेज दिया जाता है।

डीएफसीसीआईएल के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘30 में से 25 दूध के टैंकर होते हैं जो बनास में अमूल डेयरी से पालनपुर लोडिंग प्वाइंट तक सड़क मार्ग से आते हैं। अन्य पांच ट्रक सब्जियां, मशीनरी, डीजल तेल आदि जैसे विभिन्न उत्पाद ले जाते हैं।’’

उन्होंने बताया, ‘‘हम ट्रक चालकों को पूरी यात्रा के दौरान आराम करने के लिए एक विशेष डिब्बा मुहैया कराते हैं। 25 टैंकरों को रेवाड़ी में उतारने के बाद, सड़क मार्ग से फरीदाबाद के पृथला तक ले जाया जाता है, जहां अमूल की दूध और अन्य डेयरी उत्पादों को पैक करने के लिए एक और डेयरी है।’’

डीएफसीसीआईएल के अधिकारियों ने बताया कि पहले इन टैंकर को बनास डेयरी से पृथला पहुंचने में 30 घंटे लगते थे जबकि फ्रेट कॉरिडोर से यह अवधि 20 घंटे तक कम हो गई। इससे दूध की गुणवत्ता भी उतनी ही अच्छी रहती है जितनी बनास में लादने के समय होती है।

अधिकारियों ने बताया कि सात राज्यों के 56 जिलों से होकर गुजरने वाली 2,843 किमी लंबी परियोजना का 96.4 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि 1,337 किलोमीटर लंबा ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कोरिडोर (ईडीएफसी) लुधियाना से सोननगर तक के बीच है जबकि 1,506 किलोमीटर लंबा वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कोरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) उत्तर प्रदेश के दादरी को मुंबई से जोड़ता है।

भाषा धीरज नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)