नई दिल्ली। भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए चार ‘टेस्ट पायलट’ ने रूस में अपनी एक साल की ट्रेनिंग पूरी कर ली है। इन चार भारतीय एस्ट्रोनॉट्स ने रूस की राजधानी मॉस्को के नजदीक जियोजनी शहर में स्थित रूसी स्पेस ट्रेनिंग सेंटर में एस्ट्रोनॉट्स बनने का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। गगनयान मिशन के जरिए भारत अपने एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी में लगा है। अब इन्हें गगननॉट्स कहा जा रहा है।
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रूस के स्पेस कॉर्पोरेशन के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन ने बताया कि भारतीय गगननॉट्स ने अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है। इनकी ट्रेनिंग गैगरीन कॉस्मोनॉट्स ट्रेनिंग सेंटर में हुई है। इसके बाद हमने भारतीय राजदूत से भविष्य में द्विपक्षीय स्पेस मिशन को लेकर बातचीत की है। हमने उनसे कहा कि रूस भारत के साथ स्पेस मिशन करना चाहता है।
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गगनयान मिशन के तहत 2022 तक भारत के अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना है। मिशन के लिए इंडियन एयरफोर्स के चार पायलट को चुना गया था। वे पिछले साल फरवरी से ही मास्को के नजदीक यूरी गगारिन रिसर्च ऐंड टेस्ट कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग कर ले रहे थे। अब इनकी ट्रेनिंग भारत में भी होगी। गुरुवार को केंद्र सरकार ने बताया था कि इनकी ट्रेनिंग इस साल मई या जून से शुरू हो जाएगी।
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इससे पहले ISRO के अधिकारियों ने बताया था कि रूस में ट्रेनिंग लेने के बाद, ये पायलट भारत में मॉड्यूल स्पेसिफिक ट्रेनिंग लेंगे। उन्हें भारत में ISRO द्वारा डिजाइन की गई क्रू और सर्विस मॉड्यूल के बारे में जानकारी दी जाएगी।
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केंद्र सरकार ने गगनयान मिशन के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी। 2022 में देश की आजादी की 75वीं सालगिरह के मौके पर इस मिशन को लॉन्च किया जाएगा।
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