ट्रैक्टर परेड: दिल्ली में कई स्थानों पर किसानों और पुलिस में झड़प, किसान लाल किला परिसर में दाखिल | Tractor parade: Farmers and police clash at several places in Delhi, farmers enter Red Fort complex

ट्रैक्टर परेड: दिल्ली में कई स्थानों पर किसानों और पुलिस में झड़प, किसान लाल किला परिसर में दाखिल

ट्रैक्टर परेड: दिल्ली में कई स्थानों पर किसानों और पुलिस में झड़प, किसान लाल किला परिसर में दाखिल

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 07:56 PM IST
,
Published Date: January 26, 2021 10:09 am IST

नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों के निर्धारित मार्गों पर ना जाने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर उनके और पुलिस के बीच मंगलवार को झड़प हो गई। वहीं कई किसान लाल किला परिसर में भी दाखिल हो गए हैं।

पुलिस ने उन्हें नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज भी किया।

आईटीओ पर भी अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई, जहां प्रदर्शनकारी हाथ में डंडे लेकर पुलिस कर्मियों को दौड़ाते और अपने ट्रैक्टरों को वहां खड़ी बसों को टक्कर मारते दिखे।

आईटीओ पर गुस्साए किसानों ने एक बस में तोड़फोड़ भी की।

पुलिस ने मंगलवार को शहर के कई हिस्सों में आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज भी किया।

दिल्ली के विभिन्न सीमा बिंदुओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के ट्रैक्टर के जरिए अवरोधक हटाने और राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर परेड निकालने के लिए निर्धारित मार्ग का अनुसरण ना करने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।

दिल्ली पुलिस ने राजपथ पर आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद ही किसानों को निश्चित मार्गों पर ट्रैक्टर परेड निकालने की अनुमति दी थी। किसानों के मध्य दिल्ली की ओर जाने के हठ के बाद अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई।

राष्ट्रीय राजधानी से लगे सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के कुछ समूह मंगलवार की सुबह पुलिस के अवरोधकों को तोड़कर दिल्ली में दाखिल हो गए थे।

आईटीओ उस समय एक तरह से युद्ध का मैदान बन गया जब किसानों और वर्दीधारी सुरक्षाकर्मियों की भारी भीड़ वहां एकत्रित हो गई। सैकड़ों किसानों के आईटीओ पहुंचने और राजपथ की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद पुलिस को उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल करना पड़ा।

पुलिस ने शाहदरा में चिंतामणि चौक पर किसानों पर उस समय लाठीचार्ज किया, जब उन्होंने अवरोधक लांघने और गाड़ी के शीशे तोड़ने शुरू कर दिए। पारम्परिक सिख योद्धा ‘निहंगों’ की भी अक्षरधाम मंदिर के पास सुरक्षा कर्मियों से झड़प हो गई।

पश्चिमी दिल्ली के नांगलोई चौक और मुकरबा चौक पर किसानों ने सीमेंट के अवरोधक तोड़ दिए और उन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया।

अधिकारी ने बताया कि सिंघू बॉर्डर पर किसानों ने ट्रैक्टर परेड के लिए निर्धारित किए गए समय से पहले, अवरोधकों को तोड़कर आउटर रिंग रोड की ओर जाने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने सिंघू बॉर्डर पर किसानों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।

इस बीच, किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसान निर्धारित मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं और संयुक्त किसान मोर्चा का कोई भी सदस्य आउटर रिंग रोड नहीं गया।

राजेवाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ हम किसानों के खिलाफ हुई हिंसा की निंदा करते हैं और सभी से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं।’’

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को प्रदर्शनकारी किसानों से अपील की है कि वे कानून को हाथ में नहीं लें, शांति बनाए रखें और अपने पूर्व निर्धारित मार्ग पर ही ट्रैक्टर परेड निकालें।

दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी अनिल मित्तल ने कहा, ‘‘हम प्रदर्शनकारी किसानों से अनुरोध करते हैं कि वे कानून हाथ में नहीं ले और शांति बनाए रखें।’’

केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के एक सदस्य ने कहा कि टिकरी सीमा बिंदु पर अवरोधक तोड़ने वाले लोग ‘किसान मजदूर संघर्ष कमेटी’ के सदस्य थे।

संयुक्त किसान मोर्चा के तहत ही 41 किसान संघ प्रदर्शन कर रहे हैं।

पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़पों के बाद मंगलवार को मध्य एवं उत्तर दिल्ली के 10 से ज्यादा मेट्रो स्टेशनों पर प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए।

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने ट्विटर पर सूचित किया कि मेट्रो स्टेशनों के द्वार अस्थायी रूप से बंद किए गए हैं।

डीएमआरसी ने ट्वीट किया, ‘‘इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन के प्रवेश/निकास द्वार बंद हैं। समयपुर बादली, रोहिणी सेक्टर 18/19, हैदरपुर बादली मोड़, जहांगीरपुरी, आदर्श नगर, आजादपुर, मॉडल टाउन, जीटीबी नगर, विश्वविद्यालय, विधानसभा और सिविल लाइंस स्टेशनों के प्रवेश/निकास द्वार भी बंद हैं।’’

इससे पहले, ट्रैक्टर परेड के लिए किसान मंगलवार को ‘रंग दे बसंती’ और ‘जय जवान जय किसान’ के नारे लगाते हुए राष्ट्रीय राजधानी की सीमा में दाखिल होने के वास्ते ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल, घोड़ों और यहां तक कि क्रेन पर सवार नजर आए थे।

ढोल-ताशे के शोर के बीच सड़क के दोनों ओर विभिन्न स्थानों पर खड़े लोगों ने किसानों पर फूल बरसाए।

वाहनों पर झंडों के साथ खड़े प्रदर्शनकारी ‘ऐसा देश है मेरा’ जैसे देशभक्ति गीतों की धुन पर नाचते नजर आए।

गौरतलब है कि हजारों किसान पिछले साल 28 नवम्बर से दिल्ली से लगी सीमाओं पर केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने और उनकी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्यों की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। इनमें अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा