केंद्र सरकार का किसानों को तोहफा, बिचौलियों से बचाने के लिए खरीद पोर्टल की निगरानी सख्त, फसल बेचना होगा और आसान | To protect the farmers from the middlemen, the central government's gift to the farmers

केंद्र सरकार का किसानों को तोहफा, बिचौलियों से बचाने के लिए खरीद पोर्टल की निगरानी सख्त, फसल बेचना होगा और आसान

केंद्र सरकार का किसानों को तोहफा, बिचौलियों से बचाने के लिए खरीद पोर्टल की निगरानी सख्त, फसल बेचना होगा और आसान

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Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST
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Published Date:  October 7, 2021 7:19 pm IST

नई दिल्ली। किसानों (farmers) को उनकी उपज की सही कीमत मिल सके इसके लिए केंद्र सरकार ने मॉनिटरिंग का नया इकोसिस्टम बनाया है। इस नए इकोसिस्टम से किसानों को बिचौलियों से दूर रखा जाएगा जिससे किसान अपनी मेहनत को औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर न हो। सरकार ने राज्यों के खरीद पोर्टल्स (procurement portals) में रणनीतिक बदलाव करते हुए निगरानी को और सख्त कर दिया है। केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र के खरीद पोर्टल को एक कर दिया है।

खरीफ सीजन 2021-22 (KMC 2021-22) की शुरूआत अक्तूबर से की गई है। इस सीजन में खरीद पोर्टल को किसानों के लिए लाभदायक बनाने के लिए कई अहम बदलाव कर निगरानी को और सख्त कर दिया गया है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के पोर्टल्स को एक कर दिया गया है। साथ ही खरीद में बिचौलियों से बचने और किसानों को उनकी उपज का सर्वोत्तम मूल्य प्रदान करने के लिए खरीद कार्यों में न्यूनतम थ्रेसहोल्ड पैरामीटर्स (एमटीपी) को लागू किया गया है।

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कृषि मंत्रालय का दावा है कि इससे किसान अपनी उपज को उचित मूल्य पर बेच सकेंगे और संकटग्रस्त बिक्री से बच सकेंगे। जबकि खरीद एजेंसियां खरीद संचालन के बेहतर प्रबंधन के साथ, राज्य एजेंसियां ​​और एफसीआई सीमित संसाधनों के साथ कुशलतापूर्वक खरीद करने में सक्षम होंगे। वहीं अन्य हितधारक खरीद कार्यों का स्वचालन और मानकीकरण खाद्यान्नों की खरीद और गोदामों में इसके भंडारण का एक एकीकृत दृष्टिकोण प्रदान करेगा।

पोर्टल पर अब यह अनिवार्य रूप से होगा दर्ज

किसानों / बटाईदारों का ऑनलाइन पंजीकरण: नाम, पिता का नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, बैंक खाता विवरण, भूमि विवरण (खाता/ खसरा), स्व-खेती या किराए पर जमीन/शेयर फसल/ अनुबंध।

राज्य के भूमि रिकॉर्ड पोर्टल के साथ पंजीकृत किसान डेटा का रिकार्ड

डिजिटाइज्ड मंडी/प्रोक्योरमेंट सेंटर के संचालन का विवरण: क्रेता/विक्रेता फॉर्म, बिक्री के बिल की आय आदि का जनरेशन। किसानों को एमएसपी के सीधे और त्वरित हस्तांतरण के लिए पीएफएमएस के व्यय अग्रिम हस्तांतरण (ईएटी) मॉड्यूल के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान।
सीएमआर/गेहूं वितरण प्रबंधन-स्वीकृति नोट/वेट चेक मेमो अपलोड करने और स्टॉक के अधिग्रहण पर बिलिंग का स्वत: उत्पादन (यूपी मॉडल)
एपीआई आधारित एकीकरण के माध्यम से डेटा प्रवाहित करने के लिए, लाभान्वित किसानों / बटाईदारों की वास्तविक समय रिपोर्टिंग के लिए प्रस्तावित एकीकृत भारत सरकार पोर्टल पर, छोटे / सीमांत किसानों की संख्या, उपज, खरीद की मात्रा, भुगतान किया गया, केंद्रीय पूल स्टॉक का लिस्ट मैनेजमेंट।

खरीद में आएगी तेजी, धन का भी होगा समय से भुगतान

खरीद प्रणालियों में भिन्नता के कारण, केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने के लिए सिस्टमेटिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। विभिन्न राज्यों के साथ खरीद कार्यों का समाधान, कभी-कभी एक लंबी खींची गई कवायद होती है, जिससे राज्यों को धन जारी करने में देरी होती है। इसके अलावा, गैर-मानक खरीद सामने आते थे, बिचौलियों का भी हस्तक्षेप बढ़ जाता था।