गोवा में धर्मनिरपेक्ष वोटों को बांटकर भाजपा की मदद कर रही है टीएमसी: कांग्रेस |

गोवा में धर्मनिरपेक्ष वोटों को बांटकर भाजपा की मदद कर रही है टीएमसी: कांग्रेस

गोवा में धर्मनिरपेक्ष वोटों को बांटकर भाजपा की मदद कर रही है टीएमसी: कांग्रेस

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:16 PM IST, Published Date : November 21, 2021/2:04 pm IST

पणजी, 21 नवंबर (भाषा) कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर गोवा में धर्मनिरपेक्ष वोटों को विभाजित करके सत्तारूढ़ भाजपा की मदद करने का आरोप लगाया, जहां अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं।

गोवा फॉरवर्ड पार्टी के नेता किरण कंडोलकर के टीएमसी में शामिल होने के कुछ घंटे बाद एआईसीसी गोवा प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने शनिवार शाम थिविम निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह दुखद है कि ऐसे समय में जब गोवा के लोग भाजपा के कुशासन को खत्म करने का उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं भाजपा विरोधी वोटों को बांटने की कोशिश की जा रही है।’’

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि टीएमसी धर्मनिरपेक्ष वोटों को बांट रही है और भाजपा की मदद कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘गोवा में प्रवेश करने वाली नयी पार्टियां भाजपा के खिलाफ जनता के मूड और भावनाओं को नहीं समझतीं। वे जनता की इस भावना को भी समझने में विफल रहे हैं कि 2022 में समान विचारधारा वाले दलों को एकसाथ आना चाहिए।’’

राव ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लुइज़िन्हो फलेरियो के टीएमसी में शामिल होने की ओर परोक्ष तौर पर इशारा करते हुए कहा कि जब कांग्रेस और अन्य समान विचारधारा वाले दल 2022 में भाजपा को हराने के लिए एक सूत्री एजेंडे के साथ आने की कोशिश कर रहे हैं, तो ये नयी पार्टियां भाजपा विरोधी वोटों को बांटने के मिशन पर हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इन पार्टियों ने पहले कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को पदों का लालच दिया। अब वे क्षेत्रीय दलों के उम्मीदवारों को लुभाकर ऐसे दलों को निशाना बना रहे हैं। लोग देख रहे हैं। वे इन नयी पार्टियों की योजना को देखने के लिए काफी परिपक्व हैं कि वोटों के बंटवारे से सत्तारूढ़ पार्टी को फायदा होगा।’’

2017 के गोवा विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 40 सदस्यीय सदन में सबसे अधिक 17 सीटें जीती थीं और भाजपा को 13 सीटें मिली थीं। हालांकि, भाजपा ने क्षेत्रीय दलों- जीएफपी और एमजीपी- के साथ गठबंधन करके दिवंगत मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में सरकार बनायी थी।

इसके बाद के वर्षों में, कांग्रेस के विधायकों की संख्या कम हो गई क्योंकि कई विधायक सत्तारूढ़ भाजपा में चले गए। फलेरियो हाल ही में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हुए हैं।

भाषा अमित प्रशांत

प्रशांत

 

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