तिरुपति भगदड़ : मुख्यमंत्री नायडू ने घटना की न्यायिक जांच की घोषणा की, डीएसपी को निलंबित किया |

तिरुपति भगदड़ : मुख्यमंत्री नायडू ने घटना की न्यायिक जांच की घोषणा की, डीएसपी को निलंबित किया

तिरुपति भगदड़ : मुख्यमंत्री नायडू ने घटना की न्यायिक जांच की घोषणा की, डीएसपी को निलंबित किया

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Modified Date: January 9, 2025 / 09:59 PM IST
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Published Date: January 9, 2025 9:59 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

तिरुपति, नौ जनवरी (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बृहस्पतिवार को तिरुपति में भगदड़ की घटना की न्यायिक जांच कराए जाने की घोषणा की, जिसमें छह लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।

वहीं, पुलिस ने तिरुपति मंदिर में मची भगदड़ के सिलसिले में दो मामले दर्ज किए हैं।

नायडू ने कहा कि तिरुपति जिले के पुलिस अधीक्षक सहित तीन वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि मौके पर मौजूद एक पुलिस उपाधीक्षक को निलंबित कर दिया गया है।

घटना पर दुख व्यक्त करते हुए नायडू ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये और घायलों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

नायडू ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंदिर में प्रथाओं को बदलने के लिए पिछली वाईएसआर कांग्रेस सरकार पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार द्वारा तिरुपति में टोकन जारी करने की एक नई प्रणाली शुरू की गई थी, जबकि इससे पहले तिरुमला पहाड़ियों में टोकन देने की व्यवस्था थी।

नायडू ने कहा, ‘‘अतीत में बहुत सारी समस्याएं पैदा हुई हैं। हम प्रसादम (पवित्र भोजन), अन्नदानम (भक्तों को मुफ्त भोजन), यहां तक ​​कि प्रशासन और हर चीज को ठीक कर रहे हैं। अचानक यह घटना घटी।’’

वाईएसआरसीपी प्रमुख जगनमोहन रेड्डी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, ‘‘यह घटना भी विरासत की समस्या के कारण हुई। मेरे जीवनकाल में कभी भी तिरुपति में दर्शन के लिए टोकन नहीं दिए गए। पिछले पांच सालों से, उन्होंने (वाईएसआर कांग्रेस) नई प्रथाएं शुरू की हैं।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने तिरुपति में प्रशासन और निगरानी तंत्र में कुछ कमियां पायी हैं, जिन्हें ‘बिल्कुल सही’ होना चाहिए था।

नायडू ने यह भी कहा कि द्वार खोलते समय कोई ‘‘पर्याप्त सावधानी’’ नहीं बरती गई और इसी वजह से यह घटना हुई।

डीएसपी ने कथित तौर पर एक बीमार महिला को उस क्षेत्र से बाहर निकालने में मदद करने के लिए द्वार खोला, जहां श्रद्धालु इंतजार कर रहे थे। हालांकि, भीड़ ने सोचा कि द्वार खोला गया है और वे बाहर निकल गए, जिसके परिणामस्वरूप भगदड़ मच गई।

तिरुमला स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में बुधवार रात भगदड़ मचने से कम से कम छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 अन्य घायल हो गए। यह भगदड़ उस समय मची जब ‘वैकुंठ द्वार दर्शनम’ के लिए सैकड़ों श्रद्धालु टिकट पाने की कोशिश कर रहे थे।

यह घटना शहर में एमजीएम स्कूल के पास बैरागी पट्टेदा में हुई। देशभर से सैकड़ों श्रद्धालु 10 जनवरी से शुरू होने वाले 10 दिवसीय वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए यहां आए हैं।

इससे पहले नायडू ने उस अस्पताल का दौरा किया जहां घायलों का इलाज हो रहा है।

इस बीच, आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कहा कि वह भगदड़ की इस घटना के लिए राष्ट्र और हिंदू समुदाय से माफी मांगते हैं।

अस्पताल में घायलों से मिलने के बाद पवन कल्याण ने कहा कि कुछ श्रद्धालुओं ने दावा किया है कि कुछ पुलिसकर्मियों ने समय पर कार्रवाई नहीं की, जिन्हें सबसे पहले प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी।

उधर, पुलिस ने बृहस्पतिवार को कहा कि तिरुपति मंदिर में मची भगदड़ के सिलसिले में दो मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। पुलिस ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 194 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, जो अप्राकृतिक मौतों से संबंधित है।

पुलिस के अनुसार, शिकायत में आरोप लगाया गया है कि जब बीमार व्यक्ति को बाहर निकालने के लिए कतार के लिए द्वार खोले गए तो भीड़ आगे बढ़ गई, जिसके कारण भगदड़ मच गई।

भाषा

शफीक पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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