कोलकाता, आठ जनवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में सुंदरबन बाघ आरक्षित क्षेत्र से भटककर पास के गांव में प्रवेश कर गया ‘रॉयल बंगाल टाइगर’ बुधवार सुबह अपने पुराने प्राकृतिक वास में वापस लौट गया।
बाघ के गांव में आ जाने की वजह से वनकर्मी दो दिनों तक परेशान रहे।
‘सुंदरबन बायोस्फीयर रिजर्व’ के निदेशक नीलांजन मलिक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘वयस्क बाघ सोमवार से कुलताली ब्लॉक के माईपीठ में मैंग्रोव क्षेत्र में था। वह अब आरक्षित क्षेत्र के मुख्य क्षेत्र के भीतर अजमलमारी में अपने पुराने प्राकृतिक वास में लौट गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बाघ तैरकर खाड़ी पार करके बैकुंठपुर के माईपीठ वनक्षेत्र में पहुंच गया था। वह बुधवार को वापस अजमलमारी चला गया और अब हम राहत महसूस कर रहे हैं।’’
बाघ को आस-पास के गांवों में पहुंचने से रोकने के लिए राज्य के वन कर्मियों ने 1.5 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में नायलॉन की जाल से बाड़ लगा दी थी।
पिछले दो दिनों से करीब 100 वन कर्मियों और स्थानीय लोगों की एक टीम शाम ढलने के बाद बाघ को पुराने प्राकृतिक वास वापस भेजने के लिए जलती हुई मशालों और पटाखों का इस्तेमाल कर रही थी।
भाषा शुभम अमित
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सुंदरबन से भटककर गांव में आ गया बाघ वापस लौटा
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