कोलकाता, 13 जनवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल के झारग्राम जिले में एक दिन पहले पड़ोसी राज्य झारखंड से एक बाघ के घुसने के बाद वन विभाग के अधिकारी फिर से सतर्क हो गए हैं। वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
बांकुड़ा में ओडिशा की एक बाघिन के पकड़े जाने के करीब दो सप्ताह बाद उसके पैरों के ये ताजा निशान देखे गए हैं। यह बाघिन ओडिशा के सिमिलिपाल बाघ अभयारण्य से भटक कर पश्चिम बंगाल में आ गई थी।
मुख्य वन्यजीव वार्डन देबल रॉय ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पूर्ण विकसित नर रॉयल बंगाल टाइगर अब कंकराझोर वन क्षेत्र में है और हम उसकी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।
देबल रॉय ने कहा, ‘‘हम इसके शांत होने का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि यह पिछले कुछ दिनों से झारखंड के जंगलों में घूम रहा था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पैरों के निशानों से हमें पुष्टि हुई है कि यह अब कंकराझोर के जंगल में डेरा जमाए हुए है। सुंदरबन बाघ अभयारण्य की हमारी टीम और झारग्राम के वनकर्मी इसकी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।’’
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