तीन नए अपराध कानूनों से देश में पुलिस राज आएगा, इनकी समीक्षा हो : तिवारी |

तीन नए अपराध कानूनों से देश में पुलिस राज आएगा, इनकी समीक्षा हो : तिवारी

तीन नए अपराध कानूनों से देश में पुलिस राज आएगा, इनकी समीक्षा हो : तिवारी

:   Modified Date:  July 1, 2024 / 07:41 PM IST, Published Date : July 1, 2024/7:41 pm IST

नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सोमवार को दावा किया कि एक जुलाई से लागू तीन नए अपराध कानून देश में पुलिस राज लाएंगे और इन पर संसद में तथा संयुक्त संसदीय समिति में फिर से विचार होना चाहिए।

राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए तिवारी ने कहा कि एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता समेत तीन नए अपराध कानून लागू हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘फौजदारी के कानून की इस प्रक्रिया से देश में पुलिस राज आ जाएगा।’’

तिवारी ने कहा, ‘‘कानून की दो समांतर प्रक्रियाएं बना दी गई हैं। 30 जून से पहले दर्ज मामलों में पुराने कानूनों के तहत फैसला होगा। एक जुलाई से दर्ज मामलों में नए कानून के तहत फैसला होगा। भारत की न्यायपालिका में 3.4 करोड़ मामले लंबित हैं और अधिकतर आपराधिक मामले हैं। नयी प्रक्रिया से न्यायपालिका में संशय की स्थिति पैदा होने वाली है।’’

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 2023 सोमवार से पूरे देश में प्रभावी हो गए। इन तीनों कानून ने ब्रिटिश कालीन कानूनों क्रमश: भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है।

तिवारी ने कहा कि ये तीनों कानून उस समय पारित किए गए जब संसद के दोनों सदनों से 146 सदस्यों को निलंबित किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘ये कानून इस सदन की, राज्यसभा की सामूहिक सहमति को प्रदर्शित नहीं करते और इनमें कई खामियां हैं। इन तीनों कानूनों की फिर से समीक्षा हो, इन्हें संयुक्त संसदीय समिति को भेजा जाए और फिर सदन में लाया जाए’’

उन्होंने दावा किया कि नए कानूनों के माध्यम से

नागरिक स्वतंत्रता पर हमला होगा, हथकड़ियां वापस आ जाएंगी और पिछले दरवाजे से राजद्रोह कानून को वापस लाया गया है।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि किसी भी सरकार का मूल्यांकन राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, संस्थाओं की स्वायत्तता, अंतरराष्ट्रीय रिश्ते और सांप्रदायिक सौहार्द के पांच बिंदुओं पर होता है तथा ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि पांचों बिंदुओं पर भाजपा नीत राजग सरकार विफल रही है।’’

उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय पर कहा कि उम्मीद है कि सरकार इस चर्चा के जवाब में बताएगी कि ‘‘भारत की कितनी जमीन चीन के कब्जे में है और उसे कब खाली कराया जाएगा।’’

तिवारी ने देश में बेरोजगारी के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि 2014 में सरकार में आने से पहले भाजपा ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था तो सरकार बताए कि पिछले 10 साल में कौन सी 20 करोड़ नौकरियां दी गईं।

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल शिवसेना (यूबीटी) के सदस्य अरविंद सावंत ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि आज राहुल गांधी के भाषण में राजनीति में आध्यात्मिकता का प्रभाव देखा गया जब उन्होंने बार-बार भगवान शिव की बात की।

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के प्रचार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भाषा से उन्हें दुख हुआ।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में और अध्यक्षीय भाषण में आपातकाल का उल्लेख करके ‘पुराने जख्म कुरेदना’ अच्छी बात नहीं थी।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को सरकार की योजनाएं बताने के साथ उसकी गलतियों पर भी बोलना चाहिए।

सावंत ने कहा, ‘‘मणिपुर पर प्रधानमंत्री मौन हैं। यह देश के लिए अच्छा नहीं है।’’

उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव से पहले जनता को शेयर बाजार में निवेश करने की सलाह दी थी और चार जून को चुनाव परिणाम आने के बाद लोगों के 30 लाख करोड़ रुपये डूब गए। उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए कौन जिम्मेदार है।’’

सावंत ने कहा कि प्रतिभूति बाजार नियामक ‘सेबी’ से भी इसकी शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

विपक्षी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद पवार) के सदस्य

अमोल कोल्हे ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि देश में ईमानदार करदाताओं को क्या मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में आज मराठा आरक्षण को लेकर आक्रोश और चिंता है और सरकार से अनुरोध है कि देश में जातिगत जनगणना कराई जाए तथा किसी भी समुदाय के आरक्षण को ठेस पहुंचाए बिना मराठा समुदाय को भी आरक्षण दिया जाए।

कोल्हे ने कहा कि जब सदन में 1975 के ‘घोषित आपातकाल की बात होती है तो ‘अघोषित आपातकाल’ की भी बात होनी चाहिए।’

भाषा वैभव अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers