हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान पहली बार शून्यकाल होगा |

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान पहली बार शून्यकाल होगा

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान पहली बार शून्यकाल होगा

Edited By :  
Modified Date: December 17, 2024 / 07:47 PM IST
,
Published Date: December 17, 2024 7:47 pm IST

धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) 17 दिसंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश में 18 दिसंबर से शुरू होने जा रहे विधानसभा के चार दिवसीय शीतकालीन सत्र के दौरान पहली बार विधानसभा में शून्यकाल होगा। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

संवाददाता सम्मेलन में विधानसभा अध्यक्ष ने प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से साढ़े 12 बजे तक शून्यकाल आयोजित किए जाने की घोषणा की, जिसमें विधायकों को जनहित के मुद्दे उठाने का अवसर मिलेगा।

उन्होंने कहा कि शून्यकाल में भाग लेने के लिए सदस्यों को सत्र शुरू होने से कम से कम 90 मिनट पहले विधानसभा सचिव को सूचित करना होगा और प्रत्येक सदस्य अधिकतम दो विषय उठा सकता है। उन्होंने कहा कि हालांकि इन मुद्दों पर चर्चा नहीं होगी, लेकिन मंत्री स्वेच्छा से जवाब देने का विकल्प चुन सकते हैं।

धर्मशाला के तपोवन परिसर में 14वीं विधानसभा का सातवां सत्र 18 से 21 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा।

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि सत्र के दौरान 248 तारांकित और 68 अतारांकित प्रश्नों पर विचार किया जाएगा।

सत्र में विभिन्न नियमों के अंतर्गत 14 विषयों पर चर्चा भी होगी और सत्र के तीसरे दिन 20 दिसंबर को निजी विधेयक संबंधी दिवस के रूप में नामित किया गया है।

अध्यक्ष ने कहा कि दैनिक कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे प्रश्नकाल से शुरू होगी, उसके बाद शून्यकाल और फिर विधायी कार्य होंगे।

तपोवन विधानसभा परिसर के बारे में अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान में इसका उपयोग केवल शीतकालीन सत्र के लिये किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि परिसर को पूरे वर्ष आगंतुकों और पर्यटकों के लिए खोलने तथा पंचायती राज संस्थाओं एवं शहरी निकायों को सम्मेलनों व कार्यक्रमों के लिए परिसर का उपयोग करने की अनुमति देने की योजना पर विचार किया जा रहा है।

भाषा यासिर प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers