नई दिल्ली: CAA News केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया। यानी चुनाव से पहले बीजेपी ने एक और अपना चुनावी वादे को जमीन पर उतार दिया। लंबे इंतजार के बाद देश में CAA लागू होने के बाद बीजेपी नेता जहां मोदी सरकार को धन्यवाद दे रहें। तो विपक्ष सवाल उठा रहा है कि चुनाव से पहले CAA का नोटिफिकेशन जारी क्यों किया गया। चुनाव से पहले CAA के क्या हैं मायने क्या नागरिकता संशोधन कानून बीजेपी के मिशन 400 पार के लिए बड़ा चुनावी दांव साबित होगा।
CAA News ऐन चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने CAA का नोटिफिकेशन जारी कर मिशन 400 के लिए एक ओर कदम आगे बढ़ा दिया है। इधर नोटिफिकेशन जारी हुआ, उधर सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया। CAA को लेकर पहले जहां प्रदर्शन हुए थे। उन इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई। तो क्या चुनाव से पहले CAA वाला दांव मोदी सरकार को 24 का चुनाव जिताएगा। नागरिकता संशोधन कानून के नियम लागू होने से चुनावी समीकरण बदलेंगे। आखिर अब तक देश में CAA लागू क्यों नहीं हो पाया था और इसके लागू होने के बाद क्या बदल जाएगा। चलिए आपको समझाते हैं। नागरिकता संशोधन कानून आखिर है क्या?
CAA कानून 2019 में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के उन अल्पसंख्यों की भारतीय नागरिकता के रास्ते खोलेगा, जो लंबे समय से भारत में रह रहे हैं। इस कानून के जरिए 3 देशों के 6 गैर मुस्लिम प्रवासियों को भारत सरकार नागरिकता देगी। हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, ईसाई धर्म के लोगों को भारत सरकार नागरिकता देनी चाहती है। 31 दिसंबर 2014 से पहले आए प्रवासियों के लिए ये कानून होगा। सबसे बड़ी बात CAA किसी की नागरिकता छिनने वाली नहीं बल्कि नागरिकता देने वाला कानून है। धारा -370 और राम मंदिर के बाद CAA बीजेपी का अहम चुनावी एजेंडा रहा है। ऐसे में केंद्र से नोटिफिकेशन जारी होते ही बीजेपी नेताओं ने सोशल मीडिया से लेकर बयानों के जरिए माहौल बनाना शुरु कर दिया। मोदी जी जो कहते हैं वो करते हैं।
जाहिर है चुनाव से पहले CAA लागू करने का संकेत गृहमंत्री अमित शाह पहले ही दे चुके थे। वहीं विपक्षी दल CAA के खिलाफ पहले से ही माहौल बना रहे है. ऐसे में आचार संहिता से पहले इसका नोटिफिकेशन जारी होने की खबरें सामने के बाद विपक्ष एक बार फिर CAA का मुखालफत कर रहा है।
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इधर केरल के सीएम पी विजयन ने तो ऐलान कर दिया है कि..उनकी सरकार केरल में CAA लागू नहीं करेगी। बहरहाल, CAA बीजेपी की घोषणापत्र का हिस्सा रहा है। जिस तरह से बीजेपी ने अपने घोषणापत्र के बड़े वादे राम मंदिर और अनुच्छेद 370 को पूरा किया है, अब उसी तरह चुनाव से पहले CAA के वादे को पूरा कर दिया। हालांकि सरकार को इस कानून को लागू करने के लिए नियम-कायदे बनाने की समय-सीमा 8 बार बढ़ा चुकी है। कुल मिलाकर बीजेपी ने चुनाव से पहले CAA की गारंटी पूरा कर विपक्ष के सामने बड़ी चुनौती पेश कर दी है।