नयी दिल्ली । मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सांसद जॉन ब्रिटास ने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार एमपीलैड के नये मसौदा दिशानिर्देश में ‘हिंदी को थोप’ रही है और ‘संघवाद के सिद्धांत का उल्लंघन’ कर रही है। उन्होंने एमपीलैड कोष के मसौदा दिशानिर्देश का हवाला देते हुए दावा किया कि मसौदे के दिशानिर्देश के पैरा 3.23 में ‘‘गुप्त रूप’’ से एमपीलैड परियोजना स्थल पर बोर्ड लगाने की शर्त जोड़ी गई है जिसमें काम का विवरण हिंदी में भी लिखा हो।
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ब्रिटास ने सांख्यिकी एवं परियोजना क्रियान्वयन राज्यमंत्री सिंह को लिखे पत्र में कहा कि मौजूदा दिशानिर्देश में इस तरह की शर्त नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार का कर्तव्य है कि वह देश में संघवाद, विविधता और बहुलता को समृद्ध करे। कार्यों को गैर-हिंदी भाषी क्षेत्रों में हिंदी में लिखने का निर्देश संघवाद के सिद्धांत का उल्लंघन ही समझा जा सकता है। पट्टिका पर भाषा का चुनाव सांसद के विवेक पर छोड़ा जा सकता है।’’