First Bio Village of India: ये है देश का पहला बायो गांव, जीवोपार्जन के लिए केवल इन चीजों पर निर्भर हैं ग्रामीण, देखे ये वीडियो

ये है देश का पहला बायो गांव, जीवोपार्जन के लिए केवल इन चीजों पर निर्भर हैं ग्रामीण, This is country's first bio village, villagers depend only on these things for their livelihood

  • Reported By: Star Jain

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  • Publish Date - October 27, 2024 / 03:20 PM IST,
    Updated On - October 27, 2024 / 03:36 PM IST

अगरतलाः First Bio Village of India त्रिपुरा सरकार ने राज्य में भारत का पहला जैव-गांव स्थापित किया है। राज्य सरकार की ओर विकसित जैव ग्राम 2.0 की अवधारणा को सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं में से एक माना गया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत जैव-प्रौद्योगिकी निदेशालय की ओर से त्रिपुरा में जैव-गांवों की स्थापना की गई है। IBC 24 की टीम त्रिपुरा के बोरकू बारी गांव में पहुंची, जो पहला बायो विलेज है। यहां पर 40 परिवार के 100 सदस्य रहते हैं, जो पूरी तरह से कृषि, मत्स्य और सूअर पालन पर निर्भर हैं। इस गांव में पहुंचने की खास बात यह है कि इसके बारे में पीएम नरेंद्र मोदी ने 2022 में अपने मन की बात कार्यक्रम में उल्लेख किया था। न सिर्फ उल्लेख किया था बल्कि इस गांव के लोगों को पीएम से मिलने का मौका भी मिला था।

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First Bio Village of India मिली जानकारी के अनुसार त्रिपुरा सरकार कम से कम 100 जैव-गांव स्थापित करने की योजना बना रही है। इनमें से 19 जैव-गांव पहले ही पूरे हो चुके हैं और 7 का काम जारी है। देश का पहला बायो विलेज 2 भी त्रिपुरा के सिपाहीजाला जिले के चारिलाम निर्वाचन क्षेत्र के दासपारा में स्थापित किया गया है।

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क्या है इसका उद्देश्य

  • ग्रामीण समुदायों का सम्पूर्ण सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करना,
  • जलवायु परिवर्तन और उसके दुष्प्रभावों को कम करना,
  • 3000/- रुपये प्रति परिवार एक बार की आर्थिक मदद करना
  • गांव में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को शामिल करना
  • सौर ऊर्जा चालित कृषि उपकरणों, ऊर्जा बचत वाले विद्युत उपकरणों, बायोगैस और जैवउर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देना
  • स्थायी आजीविका और खाद्य सुरक्षा प्रदान करना
  • संगत टिकाऊ प्रौद्योगिकियों के सफल उपयोग का प्रदर्शन करना
  • जैव-उर्वरकों, जैव-कीटनाशकों और मशरूम स्पॉन की खेती जैसे जैव-प्रौद्योगिकीय हस्तक्षेपों के उपयोग को बढ़ाना

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