There has been great success in resolving the long-running border standoff between India and China in the Ladakh region

भारत-चीन में बनी सहमति, गोगरा हॉट स्प्रिंग प्वाइंट-15 से पीछे हटेगी दोनों देशों की सेना, जानिए क्या था विवाद?

सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता बनी रही। 16वें दौर की मीटिंग पिछले महीने 17 जुलाई को हुई थी।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:57 PM IST, Published Date : September 8, 2022/11:46 pm IST

India-China Army In Ladakh: लद्दाख क्षेत्र में लंबे समय से भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा गतिरोध को सुलझाने में बड़ी कामयाबी मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की एससीओ बैठक में मुलाकात से पहले भारत और चीन की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी के हॉट स्प्रिंग-गोगरा इलाके के पीपी-15 से डिसइंगेजमेंट शुरु कर दिया है। दोनों देशों की सेनाओं ने साझा बयान जारी कर इस बावत जानकारी साझा की।

भारत के रक्षा मंत्रालय ने साझा बयान जारी करते हुए बताया कि दोनों देशों के कोर कमांडर्स के बीच 16वें दौर की मीटिंग में जो सहमति बनी थी उसके मद्देनजर 8 सितंबर (यानि गुरूवार) को भारत और चीन के सैनिकों ने गोगरा-हॉट स्प्रिंग इलाके की पैट्रोलिंग पॉइंट (पीपी) 15 से डिसइंगेज यानि पीछे हटना शुरु कर दिया है। बयान के मुताबिक, ये डिसइंगेजमेंट एक समन्वित और योजनाबद्ध तरीके से किया गया है ताकि सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता बनी रही। 16वें दौर की मीटिंग पिछले महीने 17 जुलाई को हुई थी।

दोनों देशों में बना हुआ था गतिरोध

बता दें कि, पिछले 28 महीनों से यानि मई 2020 से भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल (एलएसी) पर विवाद जारी है। विवाद सुलझाने के लिए 16 दौर की बैठक हो चुकी हैं और अब तक पांच फ्लैश पॉइंट से डिसइंगेजमेंट हो चुका है। पीपी-15 से पहले गलवान घाटी, पैंगोंग-त्सो लेक से सटे फिंगर एरिया, कैलाश हिल रेंज और गोगरा-हॉट स्प्रिंग के पीपी-17ए से भी दोनों देशों के सैनिक पीछे हट चुके हैं।

उज्बेकिस्तान में मिलेंगे पीएम मोदी और शी जिनपिंग

इसी महीने की 15-16 तारीख को उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई कोपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) के सदस्य-देशों के राष्ट्राध्यक्षों की अहम बैठक होने जा रही हैं। इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात संभव है। बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शिरकत करने जा रहे हैं। ऐसे में पूर्वी लद्दाख में पांचवे विवादित इलाके से डिसइंगेजमेंट बेहद अहम माना जा रहा है। इससे पीएम मोदी और शी जिनपिंग की द्विपक्षीय मुलाकात का रास्ता भी खुल गया है।

सूत्रों के मुताबिक, पीपी-15 से डिसइंगेजमेंट के मायने ये हैं कि सैनिक तो पीछे हटेंगे ही साथ ही वहां मौजूद संघड़ (पत्थरों से बनाए गए बंकर) और दूसरे अस्थायी स्ट्रक्चर भी वहां से हटा दिए जाएंगे। इस विवाद इलाके से पीछे हटने के बाद दोनों देश एलएसी पर अब अप्रैल 2020 जैसी स्थिति पर फिर से लौट रहे हैं। हालांकि, अभी भी पीपी-15 के करीब वाले कोंगका-ला इलाके में भी पहले गतिरोध था, लेकिन उसके बारे में अभी तक दोनों देशों की सेनाओं के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की गई है।

अभी भी दो इलाकों में विवाद जारी

भले ही मई 2020 के बाद खड़े हुए विवादित इलाकों से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट रही हैं, लेकिन अभी भी पूर्वी लद्दाख में डेपसांग प्लेन और डेमचोक इलाके ऐसे हैं जहां वर्ष 2008 और 2013 से विवाद चल रहा है। इन दोनों इलाकों को लेकर अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है। इसके अलावा अभी भी पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर दोनों देशों के 60-60 हजार सैनिकों के साथ-साथ टैंक, तोप, मिसाइल और फाइटर जेट्स का बड़ा जमावड़ा मौजूद है।