शिमला, 16 नवंबर (भाषा) शिमला नगर आयुक्त अदालत ने शनिवार को मस्जिद समिति और हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड से संजौली मस्जिद की शेष दो मंजिलों की स्थिति के बारे में जवाब मांगा। अदालत ने मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को ध्वस्त करने का निर्देश दिया था।
यह आरोप लगाया गया है कि मस्जिद का निर्माण अवैध रूप से किया गया था जबकि वक्फ बोर्ड ने इस आरोप से इनकार किया है।
निगम आयुक्त की अदालत ने पांच अक्टूबर को संजौली मस्जिद समिति को दो माह की निर्धारित अवधि में मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को गिराने का आदेश दिया था, जिसके बाद समिति ने मस्जिद की छत को हटाने के साथ तोड़फोड़ शुरू कर दी थी।
शनिवार को अदालत में मामले की सुनवाई के बाद हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड के पदाधिकारी कुतुबुद्दीन ने बताया कि अदालत ने उनसे मस्जिद के भूतल और प्रथम तल की स्थिति के संबंध में जवाब दाखिल करने को कहा है।
इससे पहले स्थानीय लोगों की तरफ पैरवी कर रहे अधिवक्ता जगत पाल ने अदालत में 2010 से लेकर अब तक विवाद की स्थिति पर विस्तृत ब्योरा दिया। नगर निगम ने 2010 में एक मंजिला निर्माणाधीन मस्जिद को गिराने के लिए नोटिस दिया था।
उन्होंने दावा किया कि आदेशों का पालन नहीं किया गया और 2018 में कनिष्ठ अभियंता के मौकामुआयना में पाया गया कि पांच मंजिलों का निर्माण किया गया था।
हालांकि, वक्फ बोर्ड ने दावा किया था कि उनके पास उस जमीन के सभी कागजात हैं, जहां मस्जिद बनाई गई।
शिमला के संजौली इलाके में 11 सितंबर को मस्जिद के एक हिस्से को गिराने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान दस लोग घायल हो गए थे। लोगों ने दावा किया कि यह हिस्सा अवैध रूप से बनाया गया था।
भाषा खारी अविनाश
अविनाश
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मोदी, शाह झूठ फैला रहे कि राहुल आरक्षण के खिलाफ…
28 mins ago