महाकुंभ नगर, 19 जनवरी (भाषा) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि महाकुंभ का एक ही संदेश है कि एकता से ही यह देश अखंड रहेगा।
मुख्यमंत्री ने महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान की तैयारियों की समीक्षा के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह टिप्पणी की।
आदित्यनाथ ने कहा, “देश और दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ में आ रहे हैं। विदेशी श्रद्धालु भी संगम में स्नान कर अभिभूत नजर आ रहे हैं। यूरोप से जुड़े कुछ पर्यटक मिलने आए थे और प्रयागराज की महिमा का जिस भाव से गान कर रहे थे, वह अभिभूत करने वाला है।”
उन्होंने कहा कि ये पर्यटक हिंदी नहीं जानते, संस्कृत नहीं जानते, लेकिन हिंदी की चौपाई, संस्कृत के मंत्रों, अवधी की चौपाइयों, सनातन धर्म से जुड़े स्त्रोत और मंत्रों को सस्वर गा रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मां गंगा और यहां के धामों के प्रति एक श्रद्धा का भाव उनमें देखने को मिल रहा था।
आदित्यनाथ ने कहा, “महाकुंभ के लिए प्रधानमंत्री जी ने जो विजन दिया है उसको स्थानीय स्तर पर लागू करने के लिए सभी लोग पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं। पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के मुख्य स्नान संपन्न हो चुके हैं और अब मौनी अमावस्या 29 जनवरी और बसंत पंचमी तीन फरवरी को दो बड़े महास्नान होने हैं।”
उन्होंने कहा कि सात हजार से अधिक संस्थाएं अब तक यहां पर आ चुकी हैं और आज पूरे महाकुंभ क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्नानार्थियों और यहां रह रहे कल्पवासियों के साथ ही अन्य संस्थाओं से जुड़े लोगों की पूरी संख्या देखेंगे तो लगभग एक करोड़ से अधिक लोग यहां मौजूद हैं।
उन्होंने कहा, “इन्हीं सब व्यवस्थाओं को देखने के लिए मैंने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को यहां भेजा था। मुझे पूरा विश्वास है कि भगवान प्रयागराज और मां गंगा की कृपा से हम लोग यहां पर इन दोनों स्नानों को सकुशल संपन्न करने में सफल होंगे।”
आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का कार्यक्रम भी प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा, “कई राज्यों के राज्यपाल व मुख्यमंत्री लगातार यहां आ रहे हैं। उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति भी लगातार यहां आकर स्नान कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “मकर संक्रांति और पौष पूर्णिमा के दिन हमें यह सौभाग्य नहीं मिल सका कि हम भी यहां स्नान कर सकें, क्योंकि हम लोगों ने खुद को प्रतिबंधित कर रखा था। केवल संतों और श्रद्धालुओं के लिए यह सुविधा थी।”
भाषा राजेंद्र
नोमान
नोमान
Follow us on your favorite platform:
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
महाकुंभ का एक ही संदेश, एकता से ही अखंड रहेगा…
11 mins agoजनता के बीच खराब छवि वाले लोगों के लिए राकांपा…
19 mins ago