नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर जारी तनाव के बीच विदेश मंत्रालय ने गलवा घाटी पर चीन के दावे को खारिज कर दिया है। मंत्रालय ने शनिवार को मीडिया को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है कि गलवा घाटी की स्थिति ऐतिहासिक तौर पर स्पष्ट है। चीन की तरफ से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर असमर्थनीय दावे को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक बयान में कहा कि गलवा घाटी को लेकर ऐतिहासिक रूप से स्थिति हमेशा स्प्ष्ट रही है। वास्तव में चीन की सेना बिना किसी कारण के ही लंबे समय से इस क्षेत्र में गश्त कर रही है। भारत द्वारा निर्मित सभी बुनियादी ढांचे पूरी तरह से हमारी सीमा में हैं।
गलवा घाटी क्षेत्र की घटनाओं पर चीनी प्रवक्ता के 19 जून के बयान पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सेना भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के सभी एलएसी से पूरी तरह से परिचित है। वे इसका सावधानीपूर्वक पालन करती है। एलएसी के संबंध में चीन के अटपटे दावे अब स्वीकार्य नहीं हैं।
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विदेश मंत्रालय ने कहा कि मई 2020 की शुरुआत से ही चीन की ओर से भारतीय सेना की सामान्य गश्त में बाधा डाला जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप कई बार सैनिकों का आमना-सामना हुआ। हम इस आरोप को स्वीकार नहीं करते हैं कि भारत एकतरफा अपनी स्थिति में बदलाव कर रहा था। मई के मध्य में चीन की सेना ने पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर घुसपैठ की कोशिश की, जिसका जवाब भारतीय सेना दिया। छह जून को दोनों पक्षों के सीनियर कमांडरों की बैठक हुई और विवाद को खत्म करने के लिए सहमति बनी। लेकिन 15 जून को चीनी सैनिकों ने सीमा की मौजूदा स्थिति बदलने के लिए हिंसक कार्रवाई की।
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ज्ञात हो कि शुक्रवार को गलवा घाटी की घटनाओं के बारे में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक विस्तृत बयान जारी किया था। उनका कहना था कि गलवा घाटी चीन का हिस्सा है और भारत वहां जबरन रोड बना रहा है।
Since early May 2020, Chinese have been hindering India’s normal patrolling pattern in the area. This resulted in face-off which was addressed by ground commanders. We don’t accept the contention that India was unilaterally changing status quo, we were maintaining it: MEA pic.twitter.com/MMMUI4xkOo
— ANI (@ANI) June 20, 2020
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