जल्लाद ने कहा- जिंदगी भर नहीं भूलूंगा ये दिन.. जब गिड़गिड़ाते रहे दरिंदे | The executioner said - I will not forget this day for the rest of my life .. When the poor kept pleading

जल्लाद ने कहा- जिंदगी भर नहीं भूलूंगा ये दिन.. जब गिड़गिड़ाते रहे दरिंदे

जल्लाद ने कहा- जिंदगी भर नहीं भूलूंगा ये दिन.. जब गिड़गिड़ाते रहे दरिंदे

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:54 PM IST
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Published Date: March 21, 2020 7:10 am IST

नई दिल्ली। निर्भया के दोषियों  को फांसी पर लटकाने वाले जल्लाद ने घटनाक्रम साझा की है। उनके मुताबिक पहले दो दरिंदों को एक साथ लाया गया। उनके चेहरे कपड़े से ढके थे।

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दोनों को दो अलग-अलग तख्तों पर खड़ा किया गया। उनके हाथ बंधे थे। फांसी का समय हुआ तो एक अफसर ने मुझे इशारा किया। मैं फांसी देने चला तो उनमें से एक गिड़गिड़ाने लगा, लेकिन मैंने अपना कर्म निभाया। दोनों को फांसी के फंदे पर लटका दिया। डॉक्टरों के चेक करने के बाद उन्हें फंदे से उतारा गया।

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जल्लाद ने बताया कि चारों दरिंदों को फांसी देने के बाद एक डॉक्टर ने मेरा भी ब्लड प्रेशर चेक किया। पूछा कि कोई घबराहट तो नहीं है। मैंने कहा कि यह मेरे लिए बहादुरी का दिन है। जो एक साथ चार दरिंदों को फांसी देने का मौका मिला। यह दिन कभी नहीं भूल सकता। ऐसे दरिंदों का यही सजा मिलनी चाहिए।

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जल्लाद के मुताबिक उसे कोई जान का खतरा नहीं है। मेरठ जेल प्रशासन ने दो माह पहले भी गनर दिया था। चार लोगों को फांसी देना मैंने पिता व दादा का सपना भी पूरा किया है। 

 
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