लुधियाना: भारतीय ट्रेन का ऐतिहास जितना पुराना है उतना ही गौरवशाली भी। यह हर दिन लाखों लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाती हैं। ट्रेन की मदद से सामानों का परिवहन होता हैं। आज भारत में बिना ट्रेन सुविधा के व्यापार का सोचा पाना भी संभव नहीं है। भारतीय रेल आम आदमी की लाइफ लाइन कही जाती है। (The court made the farmer the owner of the train) यही वजह हैं कि, विकासशील भारत देश में भारतीय रेल की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया जाता है। लेकिन रेलवे के इतिहास से कई ऐसी कहानियां भी जुड़ी हैं जिसे सुनकर आप एक बारगी चौंक जायेंगे। ऐसा ही एक मामला करीब डेढ़ दशक पहले सामने आया था जब एक मामूली किसान को अदालत ने पूरी ट्रेन का मालिक बना दिया था। तो आइये जानते है क्या थी वो ऐतिहासिक घटना और फिर किस तरह उसे सुधारा गया।
जमीन के मुआवजे से जुड़ा था मामला
दरअसल यह मामला 2007 का है जब अदालत ने पूरे ट्रेन को ही जब्त कर उसे प्रभावित किसान को सौंप दिया था। बता दें कि भारतीय रेल लुधियाना-चंडीगढ़ रेलवे ट्रैक का निर्माण कर रही थी। इस दौरान इंडियन रेलवे ने बड़े पैमाने पर जमीनों का अधिग्रहण किया था। इनमें किसानों के खेत भी शामिल थे। लेकिन रेलवे के दोषपूर्ण नीति या कहे अफसरों की लापरवाही की वजह से अधिग्रहण का मामला फंस गया। रेलवे ने अधिग्रहण के बदले पंजाब के लुधियाना के कटाना गांव के किसानों को 25 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया गया। लेकिन पास के ही गांव के किसान को 71 लाख रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिया गया। इसे लेकर किसानों में गुस्सा पनप गया और एक किसान इसके विरोध में कोर्ट पहुँच गया। इस किसान का नाम सम्पूर्ण सिंह था जिसे अपेक्षाकृत कम मुआवजा हासिल हुआ था।
किसान सम्पूर्ण सिंह ने कोर्ट में मुआवजे की राशि को बढ़ाने की मांग की। अदालत ने भी इस मामले के सुनवाई में तेजी दिखाई और अपने पहले आदेश में मुआवजे की रकम बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दिया। (The court made the farmer the owner of the train) इसके बाद कोर्ट ने इस राशि को 1.47 करोड़ से ज्यादा कर दिया।
कोर्ट ने रेलवे को साल 2015 तक मुआवजे की राशि सम्पूर्ण सिंह को भुगतान करने का आदेश दिया था। लेकिन रेलवे ने यहाँ भी लेटलतीफी की। उन्होंने किसान को 42 लाख रुपये का पेमेंट तो कर दिया, लेकिन 1.05 करोड़ रुपये नहीं दिए। जिसके बाद ये मामला फिर कोर्ट के दरवाजें तक पहुंचा। जब रेलवे ने भुगतान नहीं किया तो साल 2017 में कोर्ट ने लुधियाना स्टेशन पर ट्रेन नंबर 12030 को जब्त करने का ऑर्डर जारी कर दिया। कोर्ट ने किसान को ट्रेन का मालिक बना दिया हालांकि कुछ ही देर में ट्रेन को छुड़ा लिया गया। बता दें कि यह मामला अब भी कोर्ट में लंबित है।