नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) दिल्ली की एक सत्र अदालत ने मंगलवार को मजिस्ट्रेट अदालत को निर्देश दिया कि वह बड़े आकार के होर्डिंग लगाकर कथित तौर पर जनता के धन का दुरुपयोग करने के आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के अनुरोध वाली शिकायत पर नये सिरे से फैसला करे।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा शिकायत को खारिज करने के आदेश में यह पता लगाने का प्रयास नहीं किया गया कि क्या कोई संज्ञेय अपराध किया गया था।
न्यायाधीश, शिव कुमार सक्सेना द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिन्होंने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय का रुख किया है। मजिस्ट्रेट अदालत ने दिल्ली पुलिस को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया था।
सत्र अदालत के न्यायाधीश ने कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों के संबध में मामले को वापस सुनवाई अदालत के पास भेजा जा रहा है जो नये सिरे से इसपर फैसला करेगी।
वर्ष 2019 में की गई शिकायत में आरोप लगाया गया था कि केजरीवाल, मटियाला के विधायक गुलाब सिंह और द्वारका ए वार्ड की पार्षद नितिका शर्मा और उनके विभाग ने क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर ‘‘बड़े आकार के होर्डिंग लगाकर जानबूझकर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया।’’
भाषा आशीष पवनेश
पवनेश
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)