बेंगलुरु, तीन अक्टूबर (भाषा) मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) मामले के शिकायतकर्ताओं में शामिल प्रदीप कुमार एस.पी. ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और अन्य लोग ‘घोटाले’ में सबूत नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।
कुमार ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया।
विशेष अदालत के 25 सितंबर के आदेश पर लोकायुक्त पुलिस ने 27 सितंबर को सिद्धरमैया, उनकी पत्नी पार्वती बीएम, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू (जिनसे मल्लिकार्जुन स्वामी ने जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी) और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
सोमवार को ईडी ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ एमयूडीए द्वारा उनकी पत्नी को 14 भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर मामला दर्ज किया था। ईडी ने मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ पीएमएलए की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया था।
मंगलवार को पार्वती द्वारा भूखंड लौटाने की पेशकश के बाद एमयूडीए ने उनको आवंटित 14 भूखंडों को वापस लेने का फैसला किया। एमयूडीए ने इन भूखंडों के बैनामा को रद्द करने का आदेश दिया है।
ईडी को लिखे पत्र में कुमार ने कहा कि न्यायालय की अनुमति के बिना संपत्ति की मौजूदा स्थिति से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।
उन्होंने अपने पत्र में कहा, ‘‘मैं सम्मानपूर्वक कहना चाहता हूं कि आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए, ऐसा न करने पर मामले के सारे सबूत नष्ट हो सकते हैं।’’
कुमार ने कहा, ‘‘सबूत नष्ट करने आदि के लिए मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सार्वजनिक तौर पर ऐसा प्रतीत होता है कि पार्वती ने अपराध से प्राप्त संपत्ति को एमयूडीए को लौटाने की पेशकश की है।’’
शिकायतकर्ता ने ईडी से हस्तक्षेप का अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘यह जांच में गंभीर हस्तक्षेप है और अपराध की आय को नष्ट करने का प्रयास है, ताकि जांच पटरी से उतर जाए और उसे गलत दिशा में ले जाया जा सके।’’
भाषा शफीक वैभव
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