नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर रशीद ने बुधवार को आतंकवाद-वित्तपोषण मामले में अंतरिम जमानत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया।
रशीद ने इस आधार पर अंतरिम जमानत दिये जाने का अनुरोध किया कि वह संसद के आगामी बजट सत्र में शामिल होना चाहते हैं। बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर चार अप्रैल तक चलेगा।
विकल्प के रूप से, उन्होंने अनुरोध किया कि उन्हें इस अवधि के दौरान ‘कस्टडी पैरोल’ दी जाये।
‘कस्टडी पैरोल’ के दौरान आरोपी अत्यावश्यक कारणों से जेल से बाहर तो आता है लेकिन वह हमेशा पुलिस की हिरासत में ही होता है।
यह याचिका राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा मामले में रशीद को जमानत दिए जाने के मुद्दे पर उनकी लंबित याचिका का हिस्सा है।
उन्होंने मुख्य याचिका में उच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि या तो यहां की निचली अदालत को उनकी लंबित जमानत याचिका का शीघ्र निपटारा करने का निर्देश दे या स्वयं मामले में निर्णय करे।
उच्च न्यायालय ने 23 जनवरी को मामले में एनआईए का रुख पूछा था और मामले की सुनवाई 30 जनवरी के लिए सूचीबद्ध की थी।
अंतरिम जमानत के लिए रशीद की याचिका पर भी उच्च न्यायालय द्वारा 30 जनवरी को सुनवाई किए जाने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने आतंकी वित्तपोषण मामले में इंजीनियर रशीद की नियमित जमानत याचिका पर आदेश पारित करने से 24 दिसंबर को इनकार कर दिया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) चंदर जीत सिंह ने जमानत याचिका पर आदेश सुनाने संबंधी आरोपी की अर्जी खारिज कर दी थी।
एएसजे अदालत ने जिला न्यायाधीश से अनुरोध किया था कि रशीद अब सांसद हैं और इसे देखते हुए कि मामले को सांसदों/विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत के समक्ष भेज दिया जाए।
न्यायाधीश ने कहा था कि वर्तमान चरण में वह केवल ‘विविध’ (मिसलेनियस) अर्जी पर ही फैसला कर सकते हैं, नियमित जमानत याचिका पर नहीं।
उच्च न्यायालय के समक्ष रशीद के वरिष्ठ वकील ने कहा कि सांसद को कोई राहत नहीं दी गई क्योंकि जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही अदालत ने ‘‘अचानक’’ यह विचार किया कि वह उनके मामले की सुनवाई नहीं कर सकती और एमपी/एमएलए अदालत के पास एनआईए मामलों की सुनवाई करने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने दलील दी कि जमानत याचिका लंबित रहने के कारण रशीद के निर्वाचन क्षेत्र का संसदीय सत्र के दौरान प्रतिनिधित्व नहीं हो पा रहा है, क्योंकि वह लगातार हिरासत में हैं।
रशीद 2024 के लोकसभा चुनावों में बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे। वह 2017 के आतंकी-वित्तपोषण मामले में गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं।
एनआईए और ईडी के मामलों में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख और 26/11 मुंबई हमले के मुख्य षड्यंत्रकारी हाफिज सईद, हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन और अन्य शामिल हैं।
ईडी ने एनआईए की प्राथमिकी के आधार पर आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया था, जिसमें उन पर ‘‘सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने’’ और कश्मीर घाटी में परेशानी पैदा करने का आरोप लगाया गया था।
भाषा देवेंद्र वैभव
वैभव
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)