Last Female Naxal Lakshmi

Last Female Naxal Lakshmi: आखिरी महिला नक्सली लक्ष्मी ने पुलिस के सामने किया सरेंडर, 15 साल पहले पहुंची थी लाल गलियारे में, सरकार की ओर से मिलेगा 7 लाख रुपए

Last Female Naxal Lakshmi: आखिरी महिला नक्सली लक्ष्मी ने पुलिस के सामने किया सरेंडर, 15 साल पहले पहुंची थी लाल गलियारे में, सरकार की ओर से मिलेगा 7 लाख रुपए

Edited By :  
Modified Date: February 2, 2025 / 04:46 PM IST
,
Published Date: February 2, 2025 4:30 pm IST
HIGHLIGHTS
  • लक्ष्मी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण किया
  • ‘ए’ श्रेणी के तहत लक्ष्मी को आत्मसमर्पण पैकेज में ₹7 लाख मिलेंगे
  • लक्ष्मी का पति सलीम 2020 में आत्मसमर्पण कर चुका है

उडुपी:  Last Female Naxal Lakshmi कर्नाटक में आखिरी नक्सली बतायी जा रही लक्ष्मी ने रविवार को उडुपी की उपायुक्त विद्या कुमारी और पुलिस अधीक्षक अरुण के के सामने रविवार को बिना शर्त समर्पण किया। पुलिस के अनुसार लक्ष्मी आंध्र प्रदेश में छिपी हुई थी और उसपर उडुपी जिले में कुंदापुर तालुक के अमासेबेल और शंकरनारायण थानों में तीन मामले दर्ज हैं। ये मामले 2007-2008 के हैं और ये पुलिस के साथ मुठभेड़, हमला और गांवों और छोटे शहरों में माओवादी साहित्य सामग्री पहुंचाने से संबंधित हैं।

Read More: Gujarat Bus Accident Update : गुजरात में बस पलटने से शिवपुरी के 4 लोगों की मौत.. सीएम डॉ. मोहन यादव ने जताया दुख, किया मुआवजे का ऐलान

Last Female Naxal Lakshmi पुलिस का कहना है कि लक्ष्मी मूल रूप से कुंडापुरा तालुक में चच्चात्तू गांव के थोम्बाट्टू की रहने वाली है। पुलिस के अनुसार जब वह आत्मसमर्पण के लिए पहुंची तब उसके साथ राज्य नक्सली आत्मसमर्पण समिति के सदस्य श्रीपाल और उसके पति सलीम थे। सलीम एक पूर्व नक्सली है जिसने 2020 में आंध्रप्रदेश में आत्मसमर्पण किया था। पंद्रह साल पहले अपने परिवार से संबंध विच्छेद करने के बाद लक्ष्मी भूमिगत हो गई थी तथा चिकमंगलूर तथा उडुपी जिलों में नक्सली एजेंडे को आगे बढ़ाने में सक्रिय हो गयी थी।

लक्ष्मी ने आज आत्मसमर्पण के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने जिला अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की क्योंकि कर्नाटक सरकार द्वारा आत्मसमर्पण प्रोटोकॉल और पैकेज की घोषणा के बाद मैं आत्मसमर्पण करना चाहती थी, लेकिन किसी कारणवश ऐसा नहीं हो सका। अब जब आत्मसमर्पण समिति का गठन हो गया है, तो मेरा आत्मसमर्पण आसान हो गया है।’’

Read More: Saraswati Mantra: बसंत पंचमी की रात्रि करें ये एक खास उपाय, नहीं होगी कभी धन की कमी 

उसने उदार आत्मसमर्पण पैकेज के लिए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को धन्यवाद दिया और जिला प्रशासन से अपील की कि कुंदापुर तालुका के अमासेबेल और शंकरनारायण के थानों में दर्ज मामलों में उसके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से उसे मुक्त किया जाए। उपायुक्त विद्या कुमारी ने बताया कि लक्ष्मी आत्मसमर्पण के लिए ‘ए’ श्रेणी की उम्मीदवार है और आत्मसमर्पण पैकेज के नियम के अनुसार इस श्रेणी में आने वाले नक्सलियों को सात लाख रुपए की राशि दी जाती है।

कुमारी ने बताया कि ‘ए’ श्रेणी कर्नाटक राज्य से आने वाले नक्सलियों के लिए निर्धारित की गई है। राज्य आत्मसमर्पण समिति के श्रीपाल ने पत्रकारों को बताया कि समिति ने सरकार से सिफारिश की है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के खिलाफ दर्ज मामलों का शीघ्र निपटारा किया जाए, ताकि उन्हें समाज में सामान्य जीवन जीने में मदद मिल सके।

Read More: Gupt Navratri Ke Upaye: गुप्त नवरात्रि पर करें ये अचूक उपाय, मिलेगी हर परेशानी से मुक्ति 

"लक्ष्मी नक्सली आत्मसमर्पण" क्यों किया?

लक्ष्मी ने बताया कि कर्नाटक सरकार के आत्मसमर्पण प्रोटोकॉल के तहत उसने सामान्य जीवन जीने के लिए यह कदम उठाया।

"लक्ष्मी नक्सली आत्मसमर्पण" को सरकार से क्या लाभ मिलेगा?

कर्नाटक सरकार ने लक्ष्मी को ‘ए’ श्रेणी में रखा है, जिसके तहत उसे ₹7 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

"लक्ष्मी नक्सली आत्मसमर्पण" से जुड़े कितने केस थे?

लक्ष्मी पर उडुपी जिले में कुंदापुर और शंकरनारायण थानों में 3 केस दर्ज थे, जो माओवादी गतिविधियों और पुलिस मुठभेड़ से जुड़े थे।

"लक्ष्मी नक्सली आत्मसमर्पण" के बाद उसके खिलाफ दर्ज केस का क्या होगा?

राज्य नक्सली आत्मसमर्पण समिति ने सरकार से मामलों के शीघ्र निपटारे की सिफारिश की है ताकि लक्ष्मी को समाज में फिर से बसने में मदद मिल सके।

"लक्ष्मी नक्सली आत्मसमर्पण" के दौरान कौन-कौन मौजूद था?

आत्मसमर्पण के समय राज्य नक्सली आत्मसमर्पण समिति के सदस्य श्रीपाल और लक्ष्मी के पति सलीम भी मौजूद थे।