तेदेपा विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को ‘नजरअंदाज’ कर रही: वाईएसआरसीपी |

तेदेपा विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को ‘नजरअंदाज’ कर रही: वाईएसआरसीपी

तेदेपा विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को ‘नजरअंदाज’ कर रही: वाईएसआरसीपी

:   Modified Date:  July 21, 2024 / 07:59 PM IST, Published Date : July 21, 2024/7:59 pm IST

नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा)और विपक्षी वाईएसआरसीपी के नेताओं के बीच राज्य और उसके हितों के लिए विशेष दर्जे के मुद्दे पर संसद के बजट सत्र से पहले तीखी नोकझोंक हुई। जगन मोहन की पार्टी ने तेदेपा पर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग को ‘नजरअंदाज’ करने का आरोप लगाया।

सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है और 12 अगस्त तक इसमें 19 बैठकें होंगी।

सत्र की पूर्व संध्या पर केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा यहां बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी ने तेदेपा पर आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिये जाने के मुद्दे की अनदेखी करने और राज्य के हितों से समझौता करने का आरोप लगाया।

भाजपा की सहयोगी तेदेपा ने आंध्र प्रदेश के वित्तीय संकट के लिए पिछली जगन मोहन रेड्डी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए पलटवार किया और कहा कि एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली सरकार एक या दो दिन में राज्य की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र पेश करेगी जिसे देखकर लोगों को ‘झटका’ लगेगा।

बैठक में मौजूद रहे कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने तेदेपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) और वाईएसआरसीपी ने क्रमशः बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की, लेकिन ‘अजीब बात’ है कि तेदेपा इस मामले में चुप रही।

तेदेपा की तरह जदयू भी भाजपा की सहयोगी पार्टी है और केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार का हिस्सा है।

सर्वदलीय बैठक में वाईएसआरसीपी द्वारा उठाए गए मुद्दों पर संवाददाताओं को जानकारी देते हुए राज्यसभा में पार्टी के नेता विजयसाई रेड्डी ने कहा कि वाईएसआरसीपी ने तेदेपा की कुछ हफ्ते पुरानी सरकार में राज्य की कानून-व्यवस्था के ‘खराब होने’ पर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।

विजयसाई ने कहा कि वाईएसआरसीपी ने आठ मुद्दे उठाए जिनमें आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा सबसे पहले था। अन्य मुद्दों में केंद्रीय करों में आंध्र प्रदेश की हिस्सेदारी तय करने में जनसंख्या आधारित कसौटी में सुधार करना, विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र के निजीकरण का विरोध और राज्य की खराब कानून-व्यवस्था आदि शामिल हैं।

वाईएसआरसीपी के नेता ने कहा कि जगन मोहन रेड्डी मंगलवार को दिल्ली में रहेंगे और तेदेपा के नेतृत्व वाली आंध्र प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना देंगे।

सर्वदलीय बैठक में तेदेपा द्वारा उठाए गए मुद्दों के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए पार्टी सांसद लावु श्री कृष्ण देवरायलु ने कहा कि बैठक में उनकी पार्टी ने आंध्र प्रदेश से संबंधित सभी मुद्दों को उठाने के लिए संसद में पर्याप्त समय दिए जाने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश सरकार एक या दो दिन में राज्य की वित्तीय स्थिति पर एक श्वेत पत्र जारी करने जा रही है। हम चाहते हैं कि भारत के लोग इसे देखें। इससे निश्चित रूप से लोगों को ‘झटका’ लगेगा।’’

वाईएसआरसीपी के इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि तेदेपा सरकार विशेष दर्जे के मुद्दे को नजरअंदाज कर रही है और लोगों के हितों के साथ समझौता कर रही है, देवरायलु ने कहा, ‘‘हम स्पष्ट हैं, हम एक या दो मुद्दों पर नहीं अटके हैं, हमारे पास कई मुद्दे हैं। हम निश्चित रूप से आगामी बजट सत्र के अवसर का उपयोग आंध्र प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण सभी मुद्दों को उठाने के लिए करेंगे।’’

भाषा

संतोष वैभव

वैभव

 

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