(फोटो के साथ)
चेन्नई, 12 जनवरी (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने रविवार को कहा कि सदियों पहले राज्य से दुनिया के कई देशों में गए तमिलों ने उन देशों के विकास में काफी अहम योगदान दिया है।
स्टालिन ने यहां विश्व तमिल प्रवासी दिवस को संबोधित करते हुए कहा कि तमिल भाषा सभी को जोड़ने वाली ‘नाभि-रज्जु’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘यहां एकत्रित हुए अनेक लोगों के पूर्वज लगभग 100, 200 वर्ष पहले मातृभूमि (भारत-तमिलनाडु) छोड़कर चले गए होंगे। अपने अथक परिश्रम, पसीने और त्याग से उन्होंने उन देशों का विकास किया है। ’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल उन्हीं के कारण रेगिस्तान हरे-भरे हो गए, बंजर जमीन पर काली सड़कें बन गईं, अनेक बंदरगाहों का निर्माण हुआ और मजदूरों ने रबड़ तथा गन्ने के बागानों में काम किया और परिणामस्वरूप दुनिया के वे देश समृद्ध हुए।
स्टालिन ने आश्वासन दिया कि तमिलनाडु उन तमिल लोगों की आने वाली पीढ़ियों को गले लगाने के लिए तैयार है, जो बहुत पहले पलायन कर गए थे और उन्होंने प्रवासी समुदाय के लिए विभिन्न कल्याणकारी पहलों की जानकारी दी।
उन्होंने विशेष रूप से ‘वेरगालाई थेडी’ (जड़ों की खोज में) नामक पहल पर प्रकाश डाला। यह पहल प्रवासी सदस्यों को राज्य में अपने पूर्वजों के स्थानों और अपने रिश्तेदारों से जुड़ने में मदद करती है।
दुनिया के विभिन्न देशों के निर्वाचित प्रतिनिधियों सहित प्रवासी सदस्यों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
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